पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आ रहे हैं. हालांकि उससे पहले एग्जिट पोल सामने आ चुके हैं. ABP C Voter Exit Poll के मुताबिक जो नतीजे सामने आए हैं उससे ये साफ है कि पंजाब का मौसम अब बदल चुका है. दरअसल, 25 साल तक बीजेपी के साथ मिलकर पंजाब की सियासत पर हावी रहने वाला अकाली दल इस बार अलग थलग है और बीएसपी के साथ मिलकर वापसी की उम्मीद लगा रहा है. वहीं, अपनी सत्ता बचाने के लिए लड़ रही कांग्रेस एक नए चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी के भरोसे है. इन सबको चुनौती दे रही आम आदमी पार्टी जो 2017 से पंजाब के सियासी रण में घुस चुकी है वो इस बार पूरे जोर-शोर से जीत के दावे कर रही है.
अब सवाल है कि क्या इस बार भी पंजाब अपना इतिहास दोहराएगा या फिर सत्ता के खेल में फंस जाएगा? आइये जानते हैं क्या है कहता है ABP C Voter Exit Poll
पंजाब में कुल 117 सीटें हैं, बहुमत का आंकड़ा है 59
एबीपी न्यूज-सी वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक पंजाब में इस बार सत्ताधारी कांग्रेस को 22 से 28 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं, लंबे समय तक पंजाब की सत्ता पर काबिज रही अकाली बीजेपी से अलग होकर 20 से 26 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है. पिछले चुनाव में नंबर दो पर रहने वाली आम आदमी पार्टी इस बार 51-61 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरते दिख रही है है. इसके अलावा अकाली दल से अलग होने के बाद इस बार कैप्टन अमरिंदर के सहारे चुनाव में उतरी बीजेपी को 7 से 13 सीटें मिलने का अनुमान दिख रहा है.
जनीतिक दलों की लड़ाई का सीधा फायदा आप को मिल गया- चन्नी
पंजाब के सीएम चन्नी ने एग्जिट पोल पर कहा, "अब यह वक्त ही बताएगा कि क्या होगा. 10 तारीख का इंतजार करें. एग्जिट पोल के इन आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में आम आदमी पार्टी सत्ता के सबसे नजदीक पहुंचती दिख रही है और अगर नतीजों में भी ऐसा होता है तो इसका सीधा मतलब ये होगा कि पंजाब में पुराने राजनीतिक दलों की लड़ाई का सीधा फायदा आप को मिल गया."
केजरीवाल के काम के लिए जनता ने वोट किया- हरपाल सिंह चीमा
आम आदमी पार्टी के नेता हरपाल सिंह चीमा का कहना है कि, "पंजाब में आम आदमी पार्टी की बहुत बड़ी जीत होने जा रही है. बदलाव के लिए इस बार वोट किया गया है. केजरीवाल जी के काम के लिए इस बार वोट जनता ने किया है. उन्होंने आगे कहा कि, इस बार बहुत बहुत बड़े नेताओं की जमानत जब्त होगी."
सारे आंकड़े गलत होते हैं- अकाली दल
अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चामी ने कहा, "हमने हमेशा देखा कि यह सारे आंकड़े गलत होते हैं 2012, 2017 और अब भी यही होने वाला है. जब आखिरी नतीजे आएंगे तब पार्टी मीटिंग में गठबंधन के बारे में फैसला लिया जाएगा. इतने सारे एग्जिट पोल है उनमें सबमे अलग-अलग नंबर है तो हम किस तरह से भरोसा कर लें. पंजाब में आप देख लेना आकाली दल की सरकार बनेगी."
आपको दिखा दें कि क्षेत्रों के हिसाब से एग्जिट पोल में कौन सी पार्टी कहां पर बाजी मारती दिख रही है
दोआबा की 23 सीटों में
कांग्रेस को 5 से 9 सीटें मिलने का अनुमान है
अकाली दल गठबंधन को 3 से 7 सीटें
आम आदमी पार्टी को 5 से 9 सीटें
बीजेपी-कैप्टन के गठबंधन को 2 से 4 सीटें मिल सकती हैं
इसी तरह मांझा क्षेत्र की 25 सीटों पर
कांग्रेस को 5 से 9
अकाली दल गठबंधन को 6 से 10
आप को 4 से 8
बीजेपी गठबंधन को 3 से 5 सीटें मिलने का अनुमान है
सबसे बड़े और सबसे अहम मालवा की 69 सीटों में
कांग्रेस को 9 से 13
अकाली दल को 8 से 12
आम आदमी पार्टी 41 से 45 सीटें मिल सकती हैं
मालवा ही वो क्षेत्र है जहां के धूरी विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार भगवंत चुनाव मैदान में हैं. एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक मालवा समेत पूरे पंजाब में आम आदमी पार्टी इस बार बाजी मारती दिख रही है. सवाल सिर्फ बहुमत के आंकड़े को छूने का है, अगर आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर भी बहुमत हासिल नहीं कर पाती है तो सरकार बनाने के लिए वो किससे समर्थन मांगेगी?
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