ग्वालियर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के ग्लावियर में एक रैली के दौरान एक गंभीर आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को घेरा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेठी में एक अस्पताल है जिसके ट्रस्टी नामदार परिवार के सदस्य हैं, इस अस्पताल में एक गरीब आयुष्मान कार्ड लेकर इलाज कराने गए व्यक्ति का इलाज नहीं किया गया. बाद में उस व्यक्ति की मौत हो गई.


प्रधानमंत्री ने कहा, ''अमेठी में एक अस्पताल है. यहां के ट्रस्टी नामदार परिवार के सदस्य हैं. इस अस्पताल में एक गरीब आयुष्मान कार्ड लेकर इलाज कराने गया. उसको कहा गया कि ये मोदी का अस्पताल नहीं, जहां आयुष्मान कार्ड चल जाए. दुख की बात है कि वो गरीब आज इस दुनिया में नहीं है. उस गरीब की मृत्यु के गुनहगारों को सजा मिलनी चाहिए.''






बता दें कि अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने भी अपने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था. इस वीडियो के साथ स्मृति ईरानी ने दावा किया था कि सिर्फ आयुष्मान कार्ड होने की वजह से अस्पताल में गरीब का इलाज नहीं किया गया. इस वीडियो में एक युवक बता रहा है कि वो अपने चाचा का इलाज करवाने संजय गांधी अस्पताल में गया जहां डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया, बाद में उसके चाचा की मौत हो गई.






स्मृति ईरानी ने अपने ट्विटर पर लिखा, ''आज मैं निशब्द हूँ - कोई इतना गिर सकता है यह कभी नहीं सोचा था. एक ग़रीब को सिर्फ़ इसलिए मरने दिया क्यूँकि उसके पास मोदी का आयुष्मान कार्ड था पर अस्पताल राहुल गांधी का था.'' एक दूसरे ट्वीट में स्मृति ईरानी ने लिखा, ''संजय गांधी अस्पताल के ट्रस्टी राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा जवाब दें अमेठी को. एक निर्दोष को क्यूँ मार दिया गया?''






अस्पताल ने स्मृति ईरानी के आरोपों को नकारा
बता दें कि अस्पताल ने स्मृति ईरानी के आरोपों का खंडन किया है. अस्पताल के निदेशक कैप्टन सूरज महेंद्र चौधरी ने रविवार को कहा कि ये इल्‍जाम पूरी तरह निराधार और राजनीति से प्रेरित है. चौधरी ने कहा कि अमेठी के सरैया मुसाफिरखाना गांव का रहने वाला मरीज नन्हे लाल पिछली 25 अप्रैल की रात करीब 11 बजे संजय गांधी अस्पताल में इलाज के लिए आया था. अत्‍यधिक शराब पीने के कारण उसका लीवर फेल हो गया था और उसकी हालत बेहद खराब थी.


उन्‍होंने बताया कि नन्हे लाल के पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड नहीं था, फिर भी उसका इलाज शुरू किया गया और कहा गया अगर कार्ड हो तो मंगवा लेना, लेकिन 26 अप्रैल की सुबह उसकी मौत हो गई. अब स्मृति ईरानी द्वारा आज इस मामले को लेकर गलत आरोपों वाला ट्वीट किया जाना समझ से परे है. हमारे लिये हर मरीज बराबर है. स्मृति के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं.