गुजरात चुनाव इस बार बीजेपी के लिए कितनी मुश्किल? क्या आम आदमी पार्टी है बड़ी चुनौती
अब गुजरात विधानसभा में बीजेपी के 111 सदस्य हैं. कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घट कर 62 रह गई है. एक-एक सदस्य एनसीपी, भारतीय ट्राइबल पार्टी के हैं. एक निर्दलीय सदस्य हैं.
गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कुछ दिनों में हो जाएगा. हिमाचल के साथ ही गुजरात चुनाव के नतीजे भी आठ दिसंबर को घोषित होंगे. आठ दिसंबर को ही पता चलेगा कि क्या बीजेपी अपने गढ़ में प्रदर्शन को दोहरा पाई है या कांग्रेस-आम आदमी पार्टी ने उसके किले में सेंध लगाई है.
इस बार गुजरात चुनाव में बीजेपी के आगे न सिर्फ चुनाव जीतने की चुनौती होगी बल्कि कैसे पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन किया जा सकता है यह भी देखना होगा. बता दें कि पिछली बार पार्टी 99 सीटों पर सिमट गई थी. हालांकि उपचुनावों और दलबदल के कारण यह आंकड़ा 111 तक पहुंच गया.
2024 के लोकसभा चुनाव में अब सिर्फ दो साल बाकी हैं. ऐसे में पीएम मोदी इस चुनाव से निस्संदेह गृह राज्य में अपनी लोकप्रियता का झंडा पूरे देश में बुलंद करना चाहेंगे.
अब तक बीजेपी का राज्य में प्रदर्शन
1995 में जब बीजेपी राज्य में सत्ता में आई, तो उसने 121 सीटें जीतीं. 2002 में जब प्रधानमंत्री मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे तो उस पहले चुनाव में बीजेपी को 127 सीटें मिली थी. 2007 में मोदी के नेतृत्व वाले दूसरे चुनाव में बीजेपी को 117 सीटें मिली थी. इसके बाद 2012 में 115 सीटें बीजेपी जीती थी. ऐसे में पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मात्र 99 सीट मिलना चिंता का विषय है.
2017 में बीजेपी का प्रदर्शन गिरा
2017 के पिछले राज्य चुनाव में, जब बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा था तो इसका एक बड़ा कारण हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पाटीदार आंदोलन माना गया था, जिसने ग्रामीण संकट और विकास की कमी के मुद्दों को सामने रखा. हालांकि इस बार हार्दिक बीजेपी के सदस्य हैं. ऐसे में पार्टी हर हाल में अपने पुराने प्रदर्शन को सुधार कर ज्यादा से ज्यादा सीटें लाना चाहेंगी.
क्या बीजेपी को आम आदमी पार्टी से है बड़ी चुनौती
गुजरात विधानसभा चुनाव में ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार बीजेपी कांग्रेस से ज्यादा आम आदमी पार्टी को अपनी चुनौती के तौर पर देख रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि आम आदमी पार्टी बीजेपी के 'हिन्दुत्व' की पिच पर ही खेल रही है. इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रमुख गोपाल इटालिया प्रभावशाली पाटीदार समुदाय से हैं. वो हर कोशिश में लगे हैंकि पाटीदार वोट बीजेपी की जगह आम आदमी पार्टी की झोली में आए.
पिछले कई चुनावों में ऐसा आरोप लगता रहा है कि आम आदमी पार्टी बीजेपी की ही बी टीम है, लेकिन इस बार गुजरात चुनाव में तस्वीर अलग दिख रही है. ऐसे में गुजरात में 1995 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जो 121 सीटें जीती थीं. वो जादुई आंकड़ा गुजरात में बीजेपी इस चुनाव में छू पाएगी या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
क्या है विधानसभा की मौजूदा स्थिति
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस का सीधा मुक़ाबला था. बीजेपी ने इस चुनाव 99 सीटें जीती थीं और उसे 49.05 फ़ीसदी वोट मिले थे. कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं. गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें सुरक्षित हैं. 27 सीटें अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों और 13 सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं.
हालांकि बीजेपी ने साल 2017 में जीती तो केवल 99 सीटें थीं लेकिन चुनाव के बाद कई कांग्रेस के विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. अब बीजेपी के कुल 111 सदस्य हैं
गुजरात में कांग्रेस के चुनाव हारने के बाद इसके कई विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे. कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घट कर 62 रह गई है. एक-एक सदस्य एनसीपी, भारतीय ट्राइबल पार्टी के हैं. एक निर्दलीय सदस्य हैं.