हिमाचल प्रदेश चुनाव को लेकर जोर-शोर से राजनीतिक पार्टियां तैयारी कर रही है. हर एक विधानसभा सीट पर पार्टियां हर संभव प्रयास कर रही है की सीट उनका ही प्रत्याशी निकाले. हिमाचल की जिन सीटों पर सर्वाधिक चर्चा है उनमें से एक सीट सुलह (Sullah) विधानसभा सीट भी है. यह विधानसभा सीट कांगड़ा जिले के अंतर्गत आती है.
सुलह (Sullah) विधानसभा सीट की खासियत यह है कि यहां के वोटर्स हर चुनाव में विधायक बदलने में विश्वास रखते हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के विपिन सिंह परमार ने जीत हासिल की थी.
सुलह वही विधानसभा सीट है जहां से पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार दो बार जीते थे. इस सीट को हमेशा से VIP सीट माना जाता रहा है.
पिछले दो चुनावों का क्या रहा हाल
साल 2012 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो यहां से कांग्रेस जीती थी. कांग्रेस के प्रत्याशी जगजीवन पाल ने 2012 में यहां से जीत दर्ज कर विधायकी हासिल की थी. जगजीवन पाल ने इस सुलह सीट पर बीजेपी उम्मीदवार विपिन परमार को हराया था. इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार जगजीवन पाल को 32,105 वोट मिला था, जबकि भाजपा के विपिन सिंह परमार को 27677 वोट मिले थे.
वहीं इसके बाद साल 2017 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जनता ने कांग्रेस प्रत्याशी को न चुनकर बीजेपी को चुना और बीजेपी के विपिन सिंह परमार विधायक बने. इस चुनाव में विपिन सिंह को 38,173 वोट मिले थे. जबकि इस सीट के विधायक कांग्रेस उम्मीदवार जगजीवन पाल को महज 27,882 वोट मिला था.
इस बार कांग्रेस ने बदला उम्मीदवार
इस बार इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है. बीजेपी ने जहां एक बार फिर विपिन परमार को टिकट दिया है तो वहीं कांग्रेस ने जगदीश सेपहिया को उम्मीदवार बनाया है. इस बात हिमाचल चुनाव इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि आम आदमी पार्टी की एंट्री हुई है. आम आदमी पार्टी ने इस सीट से रविंद्र सिंह को टिकट दिया है. ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय होने की उम्मीद है.
इस सीट पर राजपूत वोटरों की संख्या अधिक है. इसके बाद ओबीसी वोटर्स हैं और फिर अनूसूचित जाति व जनजाति के मतदाताओं की संख्या है.