उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के नाती और इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र मयंक जोशी शनिवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये. सात चरणों में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अंतिम सातवें चरण के मतदान से दो दिन पहले शनिवार को मयंक जोशी ने आजमगढ़ में अखिलेश यादव की एक सभा में सपा की सदस्यता ग्रहण कर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को झटका दिया है.
सपा में शामिल होने के बाद मयंक जोशी ने कहा कि मैं आज समाजवादी पार्टी में शामिल हुआ हूं. अखिलेश यादव विकास, महिला सुरक्षा, युवाओं की बात करते हैं. युवावस्था में मैंने सोचा कि ऐसे व्यक्ति के साथ खड़ा होना चाहिए जिसकी सोच प्रोग्रेसिव हो. मुझे लगता है कि यूपी का भविष्य उनके हाथों में सुरक्षित है. हालांकि लखनऊ में चौथे चरण के मतदान से एक दिन पहले 22 फरवरी को मयंक जोशी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से शिष्टाचार भेंट की थी, इसके बाद से यह कयास लग रहे थे कि वह सपा में शामिल होंगे. समाजवादी पार्टी ने शनिवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मयंक के सपा में शामिल होने की जानकारी दी.
सपा के ट्वीट में कहा गया है कि 'उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा जी के नाती, युवा नेता मयंक जोशी आजमगढ़ में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की उपस्थिति में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. आपका स्वागत एवं धन्यवाद.' उधर मयंक जोशी के इस फैसले पर रीता बहुगुणा की ओर से सफाई दी गई है. उनके प्रवक्ता अभिषेक शुक्ल ने एक बयान में कहा कि प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी संसदीय समिति की बैठक में वर्तमान में त्रिपुरा में है और समाचारों के माध्यम से उन्हें संज्ञान में आया कि मयंक जोशी ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है.
उन्होंने कहा कि रीता जोशी ने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और बताया कि वह भाजपा में ही रहेंगी, उन्हें राष्ट्रीय नेतृत्व पर आस्था एवं पूर्ण विश्वास है. राजनीतिक जानकारों के अनुसार मयंक जोशी को लखनऊ के कैंट विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी से टिकट दिलाने के लिए रीता बहुगुणा प्रयासरत थीं, लेकिन पार्टी ने यहां से कानून मंत्री ब्रजेश पाठक को उम्मीदवार घोषित कर दिया.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी रीता बहुगुणा जोशी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले BJP में शामिल हुईं और लखनऊ के कैंट विधानसभा क्षेत्र में सपा उम्मीदवार अपर्णा यादव (सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू) को हराकर चुनाव में विजयी हुईं. इसके बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की भाजपा सरकार में मंत्री बनाई गई थी. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में रीता को इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीत गईं. रीता 2012 में भी कैंट क्षेत्र से कांग्रेस की विधायक थीं, इसलिए वह अपने बेटे को यहां से चुनाव लड़ाने के लिए भाजपा में प्रयासरत थीं.
उन्होंने यह भी प्रस्ताव दिया था कि बेटे को टिकट दिया जाए और पार्टी का निर्देश होगा तो वह सांसद का पद छोड़ देंगी, लेकिन BJP ने टिकट नहीं दिया. गौरतलब है कि मुलायम के छोटे पुत्र प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव ने चुनाव के दौरान ही दिल्ली में सपा छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली और यह दावा किया कि महिलाओं का सम्मान भाजपा में ही सुरक्षित है.
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