नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल आयकर विभाग ने सीएम कमलनाथ के रिश्तेदारों के खिलाफ समन भेजने का फैसला किया है. यह समन 281 करोड़ हवाला मामले से जुड़ा है. अधिकारियों ने कहा कि आयकर विभाग मामले में जांच के तहत राजधानी भोपाल और कलमनाथ के विधानसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा में रहने वाले उनके कुछ करीबी सहयोगियों को भी पेश होने के लिए नोटिस भेज सकता है.
सूत्रों के अनुसार नकदी और हवाला सौदों का सीधा संबंध चुनाव प्रक्रिया से था, इसलिए चुनाव आयोग कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों को नोटिस जारी करेगा जिन्होंने मध्य प्रदेश की विभिन्न सीटों पर हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाई. पिछले महीने मध्य प्रदेश और दिल्ली में 52 ठिकानों पर छापे मारे गये थे जिसके बाद विभाग द्वारा तैयार आयकर रिपोर्ट में उनके नाम आये. सूत्रों के मुताबिक यह रिपोर्ट चुनाव आयोग और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को जमा कर दी गयी है. बता दें कि चुनाव के दौरान आयकर विभाग ने कमलनाथ और उनके सहयोगियों के यहां छापेमारी की थी...उस वक्त कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जानबूझ कर कमलनाथ को परेशान करने का आरोप लगाया था.
प्रधानमंत्री ने भाषण में उठाया पैसे का मुद्दा था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने चुनावी भाषण में इस मुद्दे पर सीएम कमलनाथ को घेरा था. प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े बड़े लोगों के बंगलों से कैसे कालाधन इधर से उधर हुआ इसके सबूत आज सामने हैं. प्रधानमंत्री ने कहा था, ''कांग्रेस गरीब बच्चों के मुंह से निवाला छीनकर अपने नेताओं का पेट भर रही है. कांग्रेस गर्भवती महिलाओं के लिए भेजे गए पैसे को लूट रही है. बीते 3-4 दिन से आप मीडिया में देख रहे हैं कि कैसे कांग्रेसियों के पास बोरा भर कर नोटों की गड्डियां मिल रही हैं. पैसा कहां से कहां जा रहा था, किसके घर से निकला, कहां पहुंचा, सब मीडिया में आ रहा है.''
281 करोड़ पर अमित शाह ने भी कमलनाथ को घेरा था
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी कमलनाथ सरकार को निशाने पर लिया था. उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में मिले जनमत को हमने स्वीकार किया लेकिन तीन माह में कांग्रेस सरकार की असफलता सामने आ गयी. मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी लोगों पर पड़े आयकर छापे में 281 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है. उन्होंने सवाल किया कि यदि तीन माह में इतना है तो शेष बचे 55 माह में कितना होगा. बता दें कि आयकर विभाग ने जिन लोगों के यहां छापेमारी की थि उनमें कमलनाथ के पूर्व विशेष कार्याधिकारी प्रवीण कक्कड़, पूर्व सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, अश्विनी शर्मा, पारसमल लोढ़ा, उनके बहनोई की कंपनी मोजर बेयर से जुड़े अधिकारी और उनके भांजे रतुल पुरी शामिल हैं.
लोगों को डराने के लिए हो रहा एजेंसियों का इस्तेमाल- कमलनाथ
कमलनाथ ने इन छापों पर रविवार को तीखी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था, ''आयकर छापों के बारे में स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं है. स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही उस पर बोलना उपयुक्त होगा. लेकिन पूरा देश जानता है कि पिछले पांच साल के दौरान कैसे संविधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया गया और किनके खिलाफ उनका इस्तेमाल किया गया.'' मुख्यमंत्री के बयान में कहा गया था, ''इन संस्थाओं का इस्तेमाल लोगों को डराने के लिए किया गया. जब उनके पास विकास और अपने कामकाज के बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है तो उन्होंने अपने विरोधियों के खिलाफ इस प्रकार की तरकीब अपनाई.''