Election 2024: तीन बार कर्नाटक का CM बनने से चूके, 2019 में अपने ही एजेंट से हार गए थे चुनाव, जानें खरगे से जुड़ी हर जरूरी बात
Election News: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर इंडिया ब्लॉक की बैठक में अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन के लिए मल्लिकार्जुन खरगे के नाम का प्रस्ताव पीएम के लिए रखकर सभी को हैरान कर दिया.
Mallikarjuna Kharge Lesser Known Facts: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के नेताओं की मंगलवार (19 दिसंबर) को बैठक हुई. दिल्ली में हुई इस बैठक में विपक्षी गठबंधन के पीएम उम्मीदवार को लेकर भी चर्चा की गई. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम का प्रस्ताव ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में दिया.
हालांकि खरगे ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अभी इस सुझाव की कोई जरूरत नहीं है. चुनाव के बाद ही हम तय कर सकते हैं कि पीएम कौन होगा. पहले हमें अपना फोकस जीत पर रखना है. भले ही खरगे ने प्रस्ताव खारिज कर दिया पर सवाल ये उठता है कि कई बड़े नामों के होने के बाद भी आखिर ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने मलिल्कार्जुन खरगे का ही नाम क्यों लिया. यहां हम आपको बताएंगे खरगे से जुड़ी कुछ ऐसी जानकारी जो शायद ही आप जानते हों.
तीन बार मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए
मल्लिकार्जुन खरगे लगातार नौ विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. वह अभी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इतनी बड़ी उपलब्धि के बाद भी वह कभी कर्नाटक के सीएम नहीं बन सके. खरगे तीन बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए. पहली बार 1999 में एस. एम. कृष्णा उन्हें पछाड़कर सीएम बने. दूसरी बार 2004 में जब उनके करीबी दोस्त धरम सिंह कांग्रेस-जनता दल (सेकुलर) गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए सर्वसम्मति से सीएम उम्मीदवार चुने गए. तीसरी बार 2013 में सिद्धारमैया ने बढ़त बनाकर उन्हें पीछे छोड़ दिया.
2019 में अपने ही चुनाव एजेंट से हार गए थे
80 साल के खरगे अब तक 12 चुनाव लड़ चुके हैं. इनमें से उन्हें सिर्फ एक बार (1999 में) हार का सामना करना पड़ा था. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में खरगे हार गए थे. सबसे बड़ी बात ये कि उन्हें उनके पूर्व शिष्य उमेश जाधव ने हराया था, जो उनके चुनाव एजेंट हुआ करते थे और बाद में विधायक बन गए थे. हालांकि कुछ समय बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे.
लगातार 9 बार विधानसभा चुनाव जीते
खरगे 1972 से 2008 के बीच लगातार नौ बार कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने जा चुके हैं. इनमें से आठ बार वह गुरमितकल निर्वाचन क्षेत्र से जीते, जबकि एक बार चितापुर से जीत दर्ज की. खरगे ने 2009 और 2014 में गुलबर्गा लोकसभा क्षेत्र से भी जीत हासिल की है.
कर्नाटक से दूसरे कांग्रेस अध्यक्ष
आपको बता दें कि खरगे कर्नाटक से दूसरे कांग्रेस अध्यक्ष हैं. खरगे से पहले 1960 के मध्य में एस. निजलिंगप्पा कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे थे. खरगे ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में शशि थरूर को हराया था.
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