I.N.D.I.A Alliance Meeting: विपक्षी गठबंधन इंडिया ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर मंगलवार (19 दिसंबर) को प्रस्ताव पास किया. इसमें ईवीएम (EVM) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए हैं. 


प्रस्ताव में कहा गया है कि गठबंधन इंडिया की पार्टियों ने ईवीएम के डिजाइन और संचालन से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवालों को लेकर चुनाव आयोग को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है. दुर्भाग्य से चुनाव आयोग ने इस ज्ञापन पर इंडिया के प्रतिनिधिमंडल से मिलने में रुचि नहीं दिखाई.


प्रस्ताव में कहा गया है, ''इंडिया की पार्टियां दोहराती रही है कि ईवीएम की कार्यप्रणाली की पवित्रता पर कई तरह के संदेह है. इन्हें कई विशेषज्ञों और प्रोफेशनल्स ने भी उठाया है.''


प्रस्ताव में कहा, ''हमारा सुझाव बेहद सरल और स्पष्ट है. वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चों को बॉक्स में गिराने की बजाय, इसे मतदाताओं को सौंप दिया जाना चाहिए. अपने द्वारा  विकल्प को सत्यापित करने के बाद इसे एक अलग मतपेटी में रख देगा. इसके बाद वीवीपीएटी पर्चियों की 100 प्रतिशत गणना की जानी चाहिए. ऐसा होने से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में लोगों का पूर्ण रूप से विश्वास बहाल होगा.''






दरअसल, विपक्षी दल कई बार ईवीएम में गड़बड़ी का दावा करते हुए सवाल उठा चुकी है. इसको लेकर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी दल जीतने पर तो सवाल नहीं करते, लेकिन हारने पर ईवीएम पर ठीकरा फोड़ देते हैं. 


मीटिंग में क्या-क्या चर्चा हुई?
विपक्षी गठबंधन इंडिया की मीटिंग में पीएम पद के चेहरे, सीट शेयरिंग और साझा रैली सहित कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. ममता बनर्जी ने पीएम के चेहरे के तौरे पर मल्लिकार्जुन खरगे के नाम के प्रस्ताव रखा तो इसका समर्थन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी किया. हालांकि खरगे ने कहा कि चुनाव के बाद इसको लेकर फैसला होगा. अभी जीतना जरूरी है. 


एबीपी न्यूज को सूत्रों ने बताया कि जनवरी 2024 के दूसरे सप्ताह तक सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाएगा,. इसके अलावा आने वाले दिनों में साझा रैली बिहार की राजधानी पटना में होगी. 


मीटिंग में कौन शामिल हुए?
दिल्ली के अशोक होटल में हुई इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी नेता राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, जनता दल (यू) से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, तृणमूल कांग्रेस से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी, राष्ट्रीय जनता दल से लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार,  शिवसेना (यूबीटी) से उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे  शामिल हुए.


साथ ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव, डीएमके से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और वरिष्ठ नेता टीआर बालू, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी, अपना दल (के) से कृष्णा पटेल, पल्लवी पटेल और कई अन्य नेताओं ने बैठक में भाग लिया. 


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