हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों के शुरुआती रुझानों में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनती हुई दिखाई दे रही है. रुझानों में एक तरफ जहां बीजेपी को झटका लगा है तो वहीं कांग्रेस और जेजेपी को फायदा होता दिखाई दे रहा है. लेकिन इन सब के बीच करीब 20 साल तक हरियाणा की मुख्य पार्टी रही इंडियन नेशनल लोकदल का राज्य की राजनीति से सुपड़ा साफ होता दिखाई दे रहा है.


पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल की इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी हरियाणा की राजनीति से साफ होती हुई दिखाई दे रही है. 2014 में इंडियन नेशनल लोकदल 19 सीटें जीतकर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बनी थी. 2014 में कांग्रेस को सिर्फ 15 सीटों पर जीत मिली थी. इतना नहीं नहीं वोट शेयर के मामले में भी इनेलो दूसरे नंबर पर रही थी और उसे 24 फीसदी वोट मिले थे. कांग्रेस 21 फीसदी वोट के साथ तीसरे नंबर की पार्टी बनी थी.


दुष्यंत चौटाला को निकालने से हुआ डैमेज


लेकिन महज 5 साल के भीतर ही इंडियन नेशनल की हालत इतनी खराब हो गई है कि उसके उम्मीदवार सिर्फ 2 सीटों पर आगे चल रहे हैं. वोट शेयर के मामले में भी इनेलो फिसड्डी साबित हो रही है. अब तक सामने आए रुझानों में इनेलो को सिर्फ 3 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है.


इनेलो को सबसे बड़ा नुकसान दुष्यंत चौटाला के अलग होने की वजह से हुआ है. दुष्यंत चौटाला की जेजेपी राज्य में 11 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है और उसने इनेलो को सबसे बड़ी चोट पहुंचाई है. लोकसभा चुनाव के दौरान भी इंडियन नेशनल लोकदल महज 2 फीसदी वोट ही हासिल कर पाई थी.


12 बजे तक सामने आए रुझानों के मुताबिक बीजेपी 39 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस 30 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. जननायक जनता पार्टी 11 सीटों पर आगे चल रही है. निर्दलीय और अन्य 10 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं.


Explained: दुष्यंत चौटाला का कमाल, एक साल से भी कम समय में हरियाणा की नई 'किंग मेकर' बनी जेजेपी