Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे को लेकर सियासी संग्राम शुरू हो गया है. उनके इस्तीफे को कांग्रेस ने मुद्दा बनाने की कोशिश करते हुए सवाल उठाए हैं. रविवार (10 मार्च, 2024) को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव आयोग (ईसी) संवैधानिक संस्था है और उसे निष्पक्ष रहना चाहिए.
कांग्रेस के सीनियर नेता ने कहा, "अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया. इसको लेकर मेरे मन में 3 सवाल हैं. पहला, क्या मुख्य चुनाव आयुक्त और उनके बीच कुछ मतभेद हैं? क्या मोदी सरकार और उनके बीच कुछ मतभेद हैं? दूसरा, उनके कुछ व्यक्तिगत कारण हो सकते हैं. तीसरा, क्या उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया है ताकि वह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ सकें? इसको लेकर अगले कुछ दिनों में चीजें साफ हो जाएंगी.
चुनावों की तारीखों के ऐलान से पहले इस्तीफा
अरुण गोयल का इस्तीफा ऐसे समय पर आया है, जब कुछ ही समय बाद देश में लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान सकता है. उनके इस्तीफे के बाद 3 सदस्यीय चुनाव आयोग में अब दो पद खाली हो गए हैं, जबकि इससे पहले चुनाव आयुक्त अनूप कुमार पांडे फरवरी में रिटायर हो गए थे.
निजी कारणों से दिया इस्तीफा
सूत्रों के मुताबिक, अरुण गोयल ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया. दावा किया गया कि 5 मार्च को उन्होंने सेहत का हवाला देते हुए कोलकाता (पश्चिम बंगाल में) दौरा बीच में छोड़ दिया था. हालांकि, 8 मार्च को उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव के साथ हुई बैठक में हिस्सा लिया था. इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार मौजूद थे.
नियुक्ति को लेकर भी उठे थे सवाल
1985 बैच के आईएएस अधिकारी रहे अरुण गोयल ने 18 नवंबर 2022 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी. रिटारयमेंट के एक दिन बाद ही उन्हें चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था. उनकी नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठे थे और मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई. उनका कार्यकाल दिसंबर, 2027 तक था। वह अगले साल मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी जगह लेने वाले थे.
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