Sandeshkhali Violence: भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने अपना एक प्रतिनिधिमंडल संदेशखालि भेजने का फैसला किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी है. इसके साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टैग किया. चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) से पहले पश्चिम बंगाल में प्रतिनिधिमंडल बीजेपी ने भेजा था. ऐसे में आजाद के कदम को बीजेपी की राह पर चलने से जोड़कर देखा जा रहा है.


चंद्रशेखर आजाद अपनी पोस्ट में लिखा, "पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिला उत्पीड़न और हिंसा की खबरों का सामने आना और इसे लेकर वहां के हालात चिंताजनक है. भीम आर्मी भारत एकता मिशन पश्चिम बंगाल प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द पीड़ितों से मिलेगा. हम राज्य सरकार से मामले की न्यायिक जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं."






लोकसभा चुनाव से जोड़कर क्यों देखा जा रहा आजाद का कदम?
चंद्रशेखर आजाद की राजनीति अनुसूचित जाति के इर्द गिर्द घूमती है. उन्होंने 2014 में भीम आर्मी की स्थापना की. संगठन को लेकर कहा जाता है कि वह भारत में शिक्षा के माध्यम से दलितों की मुक्ति के लिए काम करता है. यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलितों के लिए मुफ्त स्कूल चलाता है.


संदेशखालि में प्रतिनिधिमंडल भेजने के आजाद के कदम को 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है क्योंकि यह उनकी छवि से जुड़ा मामला है.


क्या है संदेशखालि का मामला?
संदेशखालि में कई महिलाओं ने टीएमसी नेताओं पर यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं और उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार पर आरोप लगे हैं कि वह आरोपियों पर कोई कार्रवाई करने की बजाय पीड़ितों से कह रही है कि वे समझौता कर लें. इसी वजह से यह मुद्दा लगातार बढ़ रहा है.


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