Jammu Kashmir Elections 2024: जम्मू और कश्मीर के विधानसभा चुनाव से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने बड़ा सियासी दांव चलने की कोशिश की है. उन्होंने उस राष्ट्रवाद के मुद्दे को उठाकर आगे बढ़ने का प्रयास किया है, जिसे बरसों से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भुनाती आई है. बुधवार (11 सितंबर, 2024) को जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वे लोग भी राष्ट्रवादी हैं.


पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने दो टूक कहा, "राष्ट्रवादी तो हम हैं ही! नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पिछले 30-35 साल में हजारों की तादाद में कार्यकर्ता इस मुल्क के लिए कुर्बान किए. ऐसे में राष्ट्रवाद के लिए हमने कोई कमी नहीं बाकी रखी. अब जो बीजेपी राष्ट्रविरोधी ताकतों के हवाले से कश्मीर में वोटों को बांटने की साजिश में लगी है, उसका तो कविंद्र गुप्ता ही जवाब दे सकते हैं. मैं तो इसका उत्तर दे नहीं सकता हूं."








क्यों मायने रखता है उमर अब्दुल्ला का बयान?


दरअसल, विस चुनाव के पहले एनसी के उपाध्यक्ष का राष्ट्रवाद वाला राग इसलिए भी बेहद अहम है क्योंकि उसकी छवि को अक्सर अलगाववादी मानसिकता के साथ जोड़ा गया है. बीजेपी जैसे उसके विरोधी दल आरोप लगाते रहे हैं कि उमर अब्दुल्ला हो या फारूक अब्दुल्ला...नेशनल कॉन्फ्रेंस की नींव अलगाववादी मानसिकता के साथ रखी गई थी. 


ऐसा है जम्मू-कश्मीर चुनाव का शेड्यूल


90 विधानसभा सीटों वाले केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) जम्मू और कश्मीर में इस बार तीन चरण में विधानसभा चुनाव होने हैं. पहले चरण के तहत 18 सितंबर, दूसरे फेज में 25 सितंबर और तीसरे चरण के अंतर्गत एक अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि आठ अक्टूबर को परिणाम आएंगे. 


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