Election Commission: भारतीय चुनाव आयोग (ECI) आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के बडगाम और नगरोटा विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव का कार्यक्रम भी घोषित कर सकता है. सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग जल्द तारीखों का ऐलान कर सकता है और मतदान फरवरी के दूसरे या तीसरे सप्ताह में होने की संभावना है.
बडगाम सीट नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला की ओर से खाली की गई थी, जिन्होंने गांदरबल सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया था. वहीं नगरोटा सीट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देविंदर सिंह राणा के निधन के बाद खाली हुई. इन सीटों पर उपचुनाव होने से राज्य की राजनीति में एक नई हलचल देखने को मिल सकती है, क्योंकि ये दोनों सीटें सत्तारूढ़ दलों के लिए अहम हैं.
भाजपा की नई राजनीतिक रणनीति
भाजपा ने सोमवार (6 जनवरी) को दिवंगत देविंदर सिंह राणा की बेटी देवयानी राणा को भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) का उपाध्यक्ष नियुक्त किया. इसके बाद से ये अटकलें तेज हो गई हैं कि भाजपा देवयानी राणा को नगरोटा विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है. ये कदम भाजपा की आगामी चुनावी रणनीति को लेकर भी संकेत दे सकता है खासकर जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में.
दूसरी ओर बडगाम सीट पर नेशनल कांफ्रेंस का उम्मीदवार कौन होगा ये सवाल भी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है. उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में पार्टी के आंतरिक मतभेद खासकर श्रीनगर के सांसद आगा रूहुल्लाह और उमर अब्दुल्ला के बीच बढ़ती तनातनी इस सीट पर उम्मीदवार के चयन को और दिलचस्प बना सकती है. एनसी ने अब तक इस सीट पर अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है, जिससे राजनीतिक पर्यवेक्षकों और मतदाताओं के बीच अनिश्चितता बनी हुई है.
जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक बदलाव की संभावना
2024 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी के मुंतजिर मेहदी को 18,000 से ज्यादा मतों से हराकर बडगाम सीट जीती थी, जबकि नगरोटा सीट पर भाजपा के देविंदर सिंह राणा ने एनसी के जोगिंदर सिंह को 30,472 मतों से हराया था. ये उपचुनाव आगामी विधानसभा चुनावों का स्वरूप तय कर सकते हैं और राज्य की राजनीतिक दिशा में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकते हैं.
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