Assembly Elections 2024: जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है. घाटी में पहले चरण के लिए 18 सितंबर को मतदान हो चुका है और दूसरे चरण के लिए 25 सितंबर को वोटिंग होनी है. वहीं हरियाणा में एक ही चरण में चुनाव होगा और 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. दोनों राज्यों के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित होने हैं. उससे पहले सभी राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने में लगे हुए हैं.
अगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो राज्य में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस जैसी पार्टियां गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं, महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी अलग लड़ रही है और घाटी में कई निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं बीजेपी अपने दम पर मैदान में उतरी है. अब सवाल ये है कि कहीं ऐसा न हो कि किसी को बहुमत न मिल पाए और पहले वाली स्थिति न देखने को मिले. हालांकि अभी दूसरे चरण का मतदान होना है और चुनाव नतीजे आने बाकी हैं. अगर ये माहौल बना तो क्या होगा?
घाटी में किस करवट बैठेगा ऊंट?
इंडिया टुडे ग्रुप के यूट्यूब चैनल न्यूज तक के मुताबिक, पहले तो लग रहा था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन आराम से चुनाव जीत सकता है लेकिन अब माहौल बदल गया. इसके पीछे वजह बताई गई कि राशिद इंजीनियर और जमात ए इस्लामी के लोग मिलकर चुनाव लड़ने की बात करने लगे हैं. ये भी कहा जा रहा है कि घाटी में बीजेपी ने 47 में से 28 जगह से उम्मीदवार ही नहीं उतारे और निर्दलीय उम्मीदवारों को सपोर्ट कर रही है.
हालांकि गठबंधन अभी भी बढ़त बनाए हुए है और इसे 46 का आंकड़ा पार करना मुश्किल नहीं होगा. अगर त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी भी तो ये गठबंधन बहुत कम सीटों से चूकेगा. ऐसे में वो कुछ निर्दलीयों और पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बना सकता है.
अब बीजेपी क्या करेगी?
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर से जो छनकर चुनावी खबरें सामने आ रही हैं वो ये हैं कि बीजेपी वन थर्ड पर यकीन कर रही है. बीजेपी को लग रहा है कि हरियाणा में उसको 30 सीटें भी मिल जाती हैं तो बाकी का इंतजाम कर लेगी. इसी तरह का हिसाब जम्मू-कश्मीर में पार्टी देख रही है. कांग्रेस को लग रहा है कि 8 अक्टूबर को नतीजे उसके पक्ष में होंगे वहीं, बीजेपी को लग रहा है कि नतीजों के बाद स्थिति ऐसी हो कि वो सरकार बनाने में कामयाब हो जाए.