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J&K Elections: 370 की वापसी, पाक से बात की गारंटी... उमर अब्दुल्ला ने जारी किया घोषणा पत्र, बीजेपी ने किया पलटवार

National Conference Manifesto: नेशनल कॉन्फ्रेंस के मेनिफेस्टो में 12 गारंटियां दी गई हैं, जिनमें आर्टिकल 370 की वापसी पर भी फोकस किया गया है. वहीं, बीजेपी ने इस पर पलटवार किया है.

Jammu Kashmir Assembly Elections 2024: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने घोषणापत्र जारी किया है, जिसमें अनुच्छेद 370 की बहाली और राज्य का दर्जा देने की बात प्रमुखता से कही गई है. एनसी ने सोमवार (19 अगस्त) को पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में इस घोषणा पत्र को जारी किया.

एनसी ने अपने मेनिफेस्टो में 12 गारंटियां दी हैं जिसमें आर्टिकल 370 की वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ने की बात भी कही गई है. साथ ही मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में शुरू की गई क्रॉस एलओसी व्यापार और बस सेवा की बहाली सहित सीबीएम को फिर से शुरू करने का समर्थन किया जाएगा. लेकिन शांति की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर भी होगी.

उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?

पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए एनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, “घोषणापत्र समिति की अध्यक्षता नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठतम नेता अब्दुल रहीम राथर ने की. हमें आम लोगों से एक हजार से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिन्हें घोषणापत्र में शामिल किया गया है. यह पांच साल की सरकार और जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए एक रोड मैप है. हमें उम्मीद है कि हमें सरकार बनाने का जनादेश मिलेगा. इसलिए हम ऐसे वादे कर रहे हैं जिन्हें पूरा किया जा सकता है.”

क्या-क्या घोषणाएं कीं?

उन्होंने कहा कि घोषणापत्र को तीन हिस्सों में बांटा गया है. पहले भाग में वादे हैं, दूसरे भाग में अतिरिक्त प्रतिबद्धताएं हैं और तीसरे भाग में विस्तृत रिपोर्ट है. वादों के बारे में उन्होंने कहा, “राजनीतिक और कानूनी स्थिति की बहाली. जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को फिर से तैयार करना. भूमि और भूमिहीनों की सुरक्षा. भूमि कानून और भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत और राजनीतिक कैदियों की रिहाई.”

उन्होंने आगे कहा, “सामान्य स्थिति और शांति की बहाली. सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई. कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास, नौकरियों और पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन को सरल बनाना. नौकरी की सुरक्षा और राजमार्गों पर स्थानीय लोगों का उत्पीड़न बंद करना. व्यापक रोजगार नीति. बिजली और पानी की समस्याओं का समाधान. हर महीने 200 यूनिट मुफ्त. ईडब्ल्यूएस महिलाओं के लिए सामाजिक कल्याण की गारंटी. 500 रुपये की राहत, प्रति वर्ष 12 मुफ्त गैस सिलेंडर. वृद्धावस्था विधवा पेंशन में वृद्धि. चावल, चीनी और केरोसिन की पीडीएस आपूर्ति में वृद्धि.”

घोषणापत्र में वादों के बारे में आगे बताते हुए उन्होंने कहा, “नशीली दवाओं की लत के खिलाफ व्यापक कार्यक्रम और नशे की लत के शिकार लोगों का पुनर्वास. फलों, केसर के लिए कृषि और बागवानी के लिए नीति. केंद्र सरकार के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और शुल्क नीति. घातक बीमारियों के लिए मेडिकल ट्रस्ट और व्यापक स्वास्थ्य नीति. कैंसर, दिल और किडनी की बीमारियों के लिए बीमा कवर. पर्यटन और खनन के लिए नीति. स्थानीय लोगों के लिए लघु खनिजों के लिए अनुबंध. नीलम, संगमरमर और लिथियम खानों का रॉयल्टी उपयोग. सभी के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर तक मुफ्त शिक्षा फिर से शुरू की जाएगी. श्रीनगर और जम्मू के लिए व्यापक शहर विकास नीति.”

बीजेपी ने किया पलटवार

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र पर कहा, "यह(नेशनल कांफ्रेंस का घोषणापत्र) झूठ का पुलिंदा है. इसके हाईलाइट्स से लग रहा है कि झूठ को पुलिंदो में बांधकर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने घोषित किया. अब जम्मू-कश्मीर में 370 और 35A एक एक्सपायर हो चुका इंजेक्शन है, पता नहीं अब्दुल्ला परिवार मुंगेरी लाल के कौनसे हसीन सपने देखता है."

वहीं, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा "न तो उमर अब्दुल्ला, न नेशनल कॉन्फ्रेंस और न ही कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने का कोई सवाल है, फिर वे अनुच्छेद 370 को वापस कैसे लाएंगे. उमर अब्दुल्ला न तो मुख्यमंत्री बनेंगे और न ही वे सत्ता में आएंगे, इसलिए अनुच्छेद 370 को वापस लाने का मुद्दा ही नहीं उठता."

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