J&K Elections 2024: 'पाकिस्तानियों जैसी...', J&K चुनाव के बीच राहुल गांधी पर BJP नेता का बयान! उठाया ये सवाल
Jammu Kashmir Elections 2024: बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी बोले, "राहुल गांधी को डर है कि जम्मू कश्मीर के लोग उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि वहां लोग मोदी के विकास के रथ को स्वीकार चुके हैं.
Jammu Kashmir Elections 2024: जम्मू और कश्मीर में चुनावी माहौल के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को लेकर बड़ा बयान दिया है. बुधवार (25 सितंबर, 2024) को केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के मतदान के बीच प्रदीप भंडारी ने दावा किया कि यूपी के रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सोच पाकिस्तानियों जैसी है. समाचार एजेंसी 'आईएएनएस' से बातचीत के दौरान बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि राहुल गांधी की सोच लोगों को बांटने वाली है.
प्रदीप भंडारी की राहुल गांधी को लेकर ताजा टिप्पणी उस संदर्भ में आई है, जिसमें कांग्रेस सांसद ने यूटी में लोगों से बड़े-बड़े वादे किए थे और कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार बनते ही वह सबसे पहले राज्य का दर्जा वापस दिलाने का काम करेंगे. प्रदीप भंडारी ने कहा, "राहुल गांधी की सोच विभाजनकारी है. वह जम्मू और कश्मीर के बाहर के लोगों को बाहरी कहते हैं. संविधान को हाथ में लेकर घूमते हैं, लेकिन संविधान कहता है, वी द पीपल ऑफ इंडिया, वह इसमें विश्वास नहीं रखते. उनकी सोच पाकिस्तानियों की तरह है, जो जम्मू कश्मीर को भारत का अंग नहीं मानते."
बीजेपी प्रवक्ता के मुताबिक, "राहुल गांधी को डर है कि जम्मू कश्मीर के लोग उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि जम्मू कश्मीर की आवाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के रथ को स्वीकार कर चुकी है. इसलिए उमर अब्दुल्लाह ने राहुल गांधी को सलाह दी है कि वह पूरे जम्मू कश्मीर में अभियान चलाएं. राहुल गांधी अभियान नहीं चला पा रहे हैं, क्योंकि जब वह ग्राउंड रिपोर्ट्स देखते हैं, तो उन्हें दिखता है कि जम्मू कश्मीर में हर बच्चा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को देखना चाहता है."
महाराष्ट्र के बदलापुर में छोटी बच्चियों से दरिंदगी के आरोपी के एनकाउंटर में मारे जाने पर वह बोले, "बदलापुर केस में राज्य की सरकार में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट कर दिया है कि हम कानूनी रूप से सिर्फ सिर्फ पीड़ित के साथ खड़े होंगे. यह लोग क्या उम्मीद कर रहे थे कि निलेश मोरे पर आरोपी अक्षय शिंदे हमला करे और निलेश मोरे की जान चली जाए? क्या इनके लिए पुलिस वालों की जान की कोई अहमियत नहीं है? अगर इनको लगता है कि एनकाउंटर सही नहीं है, तो इनको सीआईडी जांच का इंतज़ार करना चाहिए."