Jharkhand Elections: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 अगले महीने होने वाले है. दो चरणों में होने वाले इन चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को सबके सामने होंगे, लेकिन 81 विधानसभा सीटों में से कई सीटें ऐसी हैं, जिस पर लड़ाई सीधी है.


इन चुनावों में कई नेता ऐसे हैं, जो अपने गढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं. कई ऐसे हैं जो उस पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं, जिस पार्टी के उम्मीदवारों को पिछले चुनावों में उन्होंने हराया था. जानते हैं कि कौन सी हैं वो हॉट सीटें है, जहां पर कांटे की लड़ाई देखने को मिलेगी.


बरहेट विधानसभा: सबसे पहले बात करते हैं बरहेट विधानसभा क्षेत्र की, जहां से झारखंड के मुख्यमंत्री हैट्रिक बनाने के इरादे के साथ उतरेंगे. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन को 73,725 वोट मिले थे, जबकि माल्टो को 47,985 वोट पर संतोष करना पड़ा था. वहीं तीसरे पायदान पर जेवीएम (पी) के होपना टुडू रहे थे. उन्हें 2,622 मतों से संतोष करना पड़ा था. वहीं 2014 के चुनावों में सोरेन को 62, 515 वोट मिले थे. 10 हजार वोट ज्यादा लाकर सोरेन ने अपना ग्राफ बढ़ाया था.


लुईस मरांडी से हारे थे हेमंत सोरेन


2019 के चुनाव में भाजपा के हेमलाल मुर्मू को 38,428 मत मिले थे. तब साइमन माल्टो जेवीएम (पी) में थे और उन्होंने 14,161 वोट हासिल किए थे. हेमंत 2014 में दुमका से भी लड़े थे, लेकिन वहां से लुईस मरांडी के हाथों करारी शिकस्त मिली थी. 


गांडेय विधानसभा: वहीं गांडेय विधानसभा सीट से जेएमएम ने झारखंड के मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन को टिकट थमाया है. 2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम नेता सरफराज अहमद ने भाजपा प्रत्याशी जय प्रकाश वर्मा को हराकर जीत दर्ज की थी. हालांकि, बाद में उन्होंने ये सीट कल्पना सोरेन के लिए छोड़ दी. कल्पना ने साल 2024 में हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी को 27 हजार से अधिक वोटों से मात दी थी.


चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के अनुसार हेमंत सोरेन से ज्यादा की संपत्ति की मालकिन कल्पना सोरेन हैं, जिनके पास न सिर्फ अपने पति से अधिक कैश, चल और और संपत्ति है बल्कि निवेश के मामले में भी वो जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष और पति हेमंत सोरेन से कहीं आगे हैं. भारत निर्वाचन आयोग को दिए शपथ पत्र के अनुसार हेमंत सोरेन की कुल संपत्ति 2.59 करोड़ रुपये से अधिक है तो कल्पना सोरेन के पास 5.54 करोड़ रुपये की संपत्ति है.


सरायकेला सीट: हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कोल्हान के टाइगर को राज्य की कमान सौंपी गई, लेकिन जैसे ही जूनियर सोरेन लौटे उन्हें पद से हाथ धोना पड़ा. इस बार वो भाजपा के टिकट पर चुनावी समर में हैं. चंपई सोरेन सरायकेला से चुनाव लड़ रहे हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़ा था और भाजपा प्रत्याशी को मात दी थी. कोल्हान में कुल 14 विधानसभा सीटें पड़ती हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी इनमें से एक पर भी जीत हासिल नहीं कर पाई थी. इस बार चंपई के दम पर यकीन है कि खाता खुलेगा. वो इसलिए भी क्योंकि कई सीटों पर भारतीय जनता पार्टी दूसरे नंबर पर थी और बहुत कम मतांतर से कुछ सीटों पर चुनाव हारी थीं.


जमशेदपुर पश्चिम: झारखंड के चाणक्य कहे जाने वाले सरयू राय इस बार जमशेदपुर पश्चिम से चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले साल 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. उन्होंने 2019 के चुनाव में तत्कालीन सीएम रघुबर दास को हराया था. उन्होंने रघुबर दास को 15,833 वोटों के अंतर से मात दी थी. यहां से कांग्रेस ने बन्ना गुप्ता को मैदान में उतारा है. 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने इसी सीट पर 20 हजार से अधिक वोटों के साथ जीत हासिल की थी. हालांकि, इस बार बन्ना गुप्ता के सामने सरयू राय एक चुनौती के रूप में खड़े हैं.


तमाड़ विधानसभा: गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर तमाड़ विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में है. उन्होंने साल 2009 के उपचुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को मात दी थी. हजार दो हजार नहीं बल्कि नौ हजार से भी ज्यादा मतों से. यह अप्रत्याशित जीत थी, जिसके बाद अचानक ही वो राजनीतिक जगत का सितारा बन गए. हाल ही में वह जेडीयू में शामिल हुए और अब वे तमाड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.


धनवार विधानसभा: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी इस बार भी धनवार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. साल 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में उन्होंने 17,550 वोटों से जीत दर्ज की थी. इससे पहले साल 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वह झारखंड के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.


सिल्ली विधानसभा: आजसू नेता सुदेश महतो 2024 के विधानसभा चुनाव में सिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने 2019 के विधानसभा चुनाव में 20,195 वोटों से जीत दर्ज की थी. वह झारखंड के पूर्व डिप्टी सीएम भी रहे हैं. उन्होंने साल 2000, 2005, 2009 और 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में सिल्ली सीट से जीत हासिल की है.


दुमका विधानसभा: जेएमएम ने झारखंड की दुमका विधानसभा सीट से बसंत सोरेन को टिकट दिया है. वह शिबू सोरेन के बेटे और सीएम हेमंत सोरेन के छोटे भाई हैं. उन्होंने 2020 में हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी लुईस मरांडी को 6,842 मतों के अंतर से हराया था.


चंदनकियारी सीट: भाजपा ने चंदनकियारी सीट से अमर कुमार बाउरी को टिकट दिया है. वर्तमान में वह झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. वे साल 2014 और 2019 में इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं. 


जामताड़ा सीट: हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन इस बार भाजपा के टिकट पर जामताड़ा सीट से चुनावी ताल ठोंक रही हैं. इसी साल उन्होंने जेएमएम से इस्तीफा दे दिया था. जामा निर्वाचन क्षेत्र से वह लगातार तीन बार विधायक चुनी रही हैं. वे शिबू सोरेन के बेटे दुर्गा सोरेन की विधवा हैं. 2019 के चुनाव में उन्होंने जेएमएम के टिकट पर लड़ते हुए भाजपा प्रत्याशी को सुरेश मुर्मू को कांटे के मुकाबले में 2, 426 मतों के अंतर से पराजित किया था। सीता सोरेन को 60,925 वोट जबकि भाजपा उम्मीदवार को 58,499 मत मिले थे.


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