Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी बिसात बिछाई जा चुकी है. इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लगा है. झारखंड चुनाव के लिए नामांकन के दौरान हेमंत सोरेन के प्रस्तावकों में शामिल रहे मंडल मुर्मू ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.
जेएमएम और हेमंत सोरेन के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है. शहीद सिदो-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू रविवार (3 नवंबर) को बीजेपी में शामिल हो गए. 1855 में अंग्रेजों के खिलाफ हूल क्रांति के सिदो-कान्हू नायक थे. मंडल मुर्मू के पाला बदल लेने से सियासी माहौल बदलने का दावा किया जा रहा है.
पुलिस ने रोका और बदल गया मुर्मू का 'मन'!
बीते दिनों मंडल मुर्मू को रांची आने के दौरान झारखंड पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. खबर थी कि वो बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. हालांकि, तलाशी लेने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था. जेएमएम की ओर से मंडल मुर्मू को अपने साथ बनाए रखने की हरसंभव कोशिश की गई, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया.
दरअसल, हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने के बाद उनके प्रस्तावक मंडल मुर्मू को डुमरी में पुलिस ने रोक लिया था. जिस गाड़ी में मंडल मुर्मू में सवार थे उसे रोककर उसकी चेकिंग गई है. इस मामले को नया मोड़ तब मिला, जब झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि डुमरी में चेकिंग के दौरान चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन नहीं किया गया.
निशिकांत दुबे की मुलाकात ने बदल दिया गेम
झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि चेकिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं की गई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक गाड़ी में कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिलती है, किसी को भी हिरासत में नहीं लिया जा सकता है. इस बयान के बाद बीजेपी ने हेमंत सोरेन और जेएमएम को घेरने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी.
इस मामले के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मंडल मुर्मू से जाकर मुलाकात की. इस मुलाकात ने पूरा सियासी खेल पलट दिया. आखिरकार 3 नवंबर को मंडल मुर्मू बीजेपी में शामिल हो गए. झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में 13 नवंबर और 20 नवंबर को वोटिंग होगी. वहीं, नतीजे 23 नवंबर को सामने आएंगे.
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