Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा बढ़ा हुआ है. इसी बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने बीजेपी को एक बड़ा झटका दिया है. भाजपा के तीन पूर्व विधायक लुईस मरांडी, कुणाल सारंगी और लक्ष्मण टुडू झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) में शामिल हो गए. 


कुछ दिन पहले ही तीन बार के भाजपा विधायक केदार हाजरा और आजसू पार्टी के उमाकांत रजक भी JMM में शामिल हो गए हैं. इसी बीच भाजपा के तीन पूर्व विधायक लुईस मरांडी ने पार्टी पर कई आरोप भी लगाए हैं. इसके अलावा इससे JMM को भी फायदा होगा. 


JMM को मिल सकता है फायदा 


लुईस मरांडी झारखंड की दुमका सीट से तीन बार चुनाव लड़ चुकी हैं. उन्होंने 2014 के चुनाव में हेमंत सोरेन को भी हराया था. उनके आने से पार्टी को दुमका सीट से फायदा हो सकता है. इसके अलावा दुमका के आसपास की सीटों पर भी JMM को फायदा हो सकता है. लुईस मरांडी के पार्टी में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनका स्वागत किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ''हम पूर्व भाजपा उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता आदरणीय लुईस मरांडी जी का जेएमएम परिवार में हार्दिक स्वागत करते हैं.''  जानकारी के अनुसार, JMM झारखंड की जामा विधानसभा सीट से लुईस मरांडी को टिकट मिल सकता है. 


इस वजह से थी बीजेपी से नाराज


बीजेपी और आजसू ने हाल में ही झारखंड विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी. कहा जा रहा था कि दुमका सीट से भाजपा उम्मीदवार बनाए गए सुनील सोरेन को लेकर पार्टी में नाराजगी थी. उनके उम्मीदवार बनने के बाद से ही लुईस मरांडी झामुमो में शामिल होने की संभावना तलाश रही थी. सोमवार को उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी और JMM में शामिल हो गई थी. 


पूर्व भाजपा नेता लुईस मरांडी ने JMM में शामिल होने पर कहा, "हमने पार्टी (भाजपा) को बहुत लंबा समय दिया, पार्टी की सेवा की, पार्टी के हर निर्देश का बहुत ईमानदारी से पालन किया, लेकिन चुनाव के समय पार्टी ने कहा कि हमें बरहेट से चुनाव लड़ना है. हमने दुमका को 24 साल दिए हैं, हम बरहेट से चुनाव कैसे लड़ेंगे, हमें उस जगह के बारे में कुछ भी नहीं पता.इसलिए हमने कहा कि हम बरहेट से चुनाव नहीं लड़ सकते. उसके बाद भी घोषणा हुई और दुमका से किसी और को टिकट दिया गया. तब हमने संकल्प लिया कि चूंकि हमने लोगों की सेवा करने का फैसला किया है इसलिए हम चुनाव लड़ना चाहते हैं. हमने हेमंत सोरेन से संपर्क किया और उन्होंने इसे सहर्ष स्वीकारा. हम उन्हें अपना अभिभावक मानते हैं, यह उन पर निर्भर है कि वे हमें चुनाव लड़ाते हैं या नहीं."