नई दिल्ली: मौजूदा दौर में बीजेपी और कांग्रेस के मुखर विरोधी के चंद्रशेखर राव (केसीआर) आज संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) में शामिल डीएमके नेता एमके स्टालिन से मिलेंगे. केसीआर कर्नाटक के मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी से भी आने वाले दिनों में मुलाकात कर सकते हैं. चुनाव परिणाम आने से पहले केसीआर की ये मुलाकातें चर्चा में है. इसकी मुख्य वजह केसीआर का कांग्रेस-बीजेपी विरोधी होना है और स्टालिन का कांग्रेस समर्थक. दरअसल, केसीआर कांग्रेस और बीजेपी को अलग रख फेडरल फ्रंट की सरकार केंद्र में चाहते हैं.
वहीं स्टालिन कई मौकों पर प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी के नाम को आगे बढ़ा चुके हैं. यही नहीं स्टालिन की पार्टी डीएमके तमिलनाडु और पुडुचेरी में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है.
केसीआर ने पिछले दिनों केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन से मुलाकात की थी. इस बैठक के बाद विजयन ने कहा था, ''चंद्रशेखर राव के साथ बैठक महत्वपूर्ण थी. केसी राव के अनुसार, दोनों मोर्चों में से किसी को बहुमत नहीं मिल सकता है. इसलिए, क्षेत्रीय पार्टियां एक प्रमुख भूमिका निभाएंगी. हालांकि पीएम उम्मीदवार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.''
अब केसीआर स्टालिन से मिलेंगे. इस बात की पूरी संभावना है कि वह चुनाव बाद की परिस्थितियों पर चर्चा करेंगे. केसीआर की बैठक की खबरों के बाद इस बात की भी अटकलें लगाई जा रही है कि क्या केसीआर चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस के खेमे में जाएंगे? या कांग्रेस के समर्थन से अलग मोर्चे की सरकार बनाने की कवायद करेंगे.
ध्यान रहे कि केसीआर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को एक-दूसरे का धुर विरोधी माना जाता है. नायडू भी बीजेपी के विरोध में खड़े हैं और वह विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने के लिए लगातार मुलाकात कर रहे हैं. उन्होंने पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी.
उन्होंने चुनाव परिणाम आने से ठीक दो दिन पहले 21 मई को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में ज्यादातर विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधि आएंगे. लेकिन केसीआर की पार्टी टीआरएस ने पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. चंद्रशेखर राव के करीबी और करीमनगर से लोकसभा सदस्य विनोद कुमार ने कहा कि हम चंद्रबाबू नायडू के साथ किसी बैठक में शामिल नहीं हो सकते. यह बहुत साफ है.
21 मई को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होगी TRS
विपक्षी पार्टियों को यह उम्मीद है कि इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को बहुमत नहीं मिलेगा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव कई मौकों पर कह चुके हैं कि इस बार बीजेपी की सरकार नहीं बनेगी. लेकिन बीजेपी की सरकार नहीं बनी तो सरकार का गठन कैसे होगा? इसपर इन नेताओं ने चुनाव बाद फैसले की बात कही है. वहीं बीजेपी का कहना है कि 2014 की तरह ही एनडीए की केंद्र में सरकार बनेगी. सभी को 23 मई के परिणाम का इंतजार करना चाहिए.