Kangana Ranaut: कंगना रनौत को जब मंडी से वोटर्स के आते हैं फोन तो सांसद को क्या आता है सबसे पहला ख्याल? कर दिया खुलासा
Kangana Ranaut Interview: कंगना ने रील और रियल लाइफ की तुलना करते हुए कहा कि एक फिल्म निर्माता होना अधिक संतोषजनक होता है, जबकि एक सांसद के रूप में, मैं अक्सर सोचती हूं कि और क्या कर सकती हूं?
Kangana Ranaut Latest Interview: अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद कंगना रनौत सांसद बनने को काफी चुनौतीपूर्ण और कठिन काम मानती हैं. वह मानती हैं कि इस काम में उन्हें और सक्षम होने की जरूरत है. अभी वह जितना भी कोशिश करती हैं, वह पर्याप्त नहीं लगती.
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कंगना रनौत ने कहा कि अभी करने के लिए बहुत सारा काम है और बहुत से लोगों की मदद करनी है. मंडी से सांसद होने के नाते, मुझे अक्सर देशभर से लोगों के फोन आते हैं, जो अलग-अलग समस्याओं के लिए मदद मांगते हैं. कभी-कभी मैं सोचती हूं कि क्या ये सब मेरी जिम्मेदारी है? मैं खुद से पूछती हूं कि आखिर मैं किस हद तक लोगों की मदद कर सकती हूं? जब प्राकृतिक आपदाएं होती हैं, तब मैं अपने आप को बहुत छोटा और असहाय महसूस करती हूं, जैसे कि मैं ब्रह्मांड में एक बहुत ही छोटा कण हूं या एक बुलबुला हूं जो कभी भी फट सकता है. यह मुझे मेरी अपनी स्थिति पर सवाल उठाने पर मजबूर कर देता है कि जब मेरा खुद किसी भी चीज पर नियंत्रण नहीं है, तो मैं इस स्थिति में लोगों की मदद करने के लिए क्यों हूं?
'फिल्म निर्माता होना ज्यादा संतोषजनक'
कंगना ने रील और रियल लाइफ की तुलना करते हुए कहा कि एक फिल्म निर्माता होना अधिक संतोषजनक होता है. आप अपने काम का परिणाम देख सकते हैं और अपनी बनाई गई चीज पर गर्व महसूस कर सकते हैं, लेकिन एक सांसद के रूप में, मैं अक्सर सोचती हूं कि और क्या कर सकती हूं? हां, मैं नीतियों के माध्यम से लोगों की मदद कर सकती हूं, घर बनवा सकती हूं, सड़कें बनवा सकती हूं, पेंशन दिलवा सकती हूं... लेकिन अक्सर लोग मेरे पास ऐसी समस्याओं के साथ आते हैं जो मेरे नियंत्रण से बाहर होती हैं, जैसे कोई बच्चा गुम हो गया हो, पहाड़ गिर गया हो, या परिवार में कोई संकट हो. यह मुझे अहसास कराता है कि दुनिया में कितनी पीड़ा है.
'एक गृहणी के रूप में घर चलाना बहुत कठिन'
कगंना ने बातचीत में आगे कहा कि मैं हमेशा सोचती हूं कि जो लोग मुझसे कहीं ज्यादा ऊपर हैं, वे पूरे देश को कैसे चलाते हैं, जब मैं अपने घर को भी ठीक से नहीं चला पाती. एक गृहिणी के रूप में घर चलाना बहुत कठिन है, खासकर जब आप कामकाजी महिला हों. मैं सोचती हूं कि वे लोग ये सब कैसे करते हैं. मुझे कभी भी किसी चीज के बारे में चिंता नहीं हुई थी, लेकिन अपने सांसद के कर्तव्यों और इस नौकरी की विशालता के बारे में सोचकर मुझे लगता है कि मुझे अपने आप को और बेहतर बनाने की जरूरत है.
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