Kanraka Election: EC से नोटिस के बाद भी नहीं रुकी कांग्रेस, बीजेपी को परेशान करेगा ये नया विज्ञापन
Karnataka Election 2023: बीजेपी के खिलाफ विज्ञापन को लेकर शनिवार को ही चुनाव आयोग ने कांग्रेस को नोटिस दिया था. इस नोटिस पर रविवार शाम तक जवाब देना है.
Karataka Assembly Election 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी खिलाफ जोरदार विज्ञापन अभियान जारी रखा है. बीजेपी की शिकायत पर चुनाव आयोग से नोटिस मिलने के अगले ही दिन कांग्रेस ने एक बार फिर विज्ञापन के जरिए बीजेपी पर हमला बोला है. रविवार (7 मई) को प्रकाशित विज्ञापन में कांग्रेस ने बीजेपी पर राज्य को लूटने का आरोप लगाया है.
नए विज्ञापन में कांग्रेस ने बीजेपी की राज्य सरकार को ट्रबल इंजन सरकार बताया है. ऐसा कहने पर कांग्रेस को पहले ही चुनाव आयोग से नोटिस मिल चुका है. ताजा विज्ञापन में कांग्रेस ने सभी जरूरी सामानों की कीमतों की 2014 से तुलना करते हुए बीजेपी पर हमला बोला है.
चुनाव आयोग ने भेजा है नोटिस
इस विज्ञापन के एक दिन पहले ही विज्ञापन को लेकर कांग्रेस को चुनाव आयोग का नोटिस मिल चुका है. कांग्रेस ने चुनाव में भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाया हुआ है और लगातार बीजेपी पर हमलावर है. बोम्मई के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को कांग्रेस 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार कहती रही है. इन्हीं आरोपों को लेकर कांग्रेस ने 'करप्शन रेड कार्ड' का विज्ञापन अखबारों में दिया था.
इस विज्ञान को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की थी. शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने कांग्रेस की कर्नाटक इकाई को नोटिस भेजा था. नोटिस में कहा गया है प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने विज्ञापन के जरिए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. नोटिस पर कांग्रेस को रविवार शाम तक जवाब भेजना है.
नोटिस पर सिब्बल ने आयोग पर साधा निशाना
कांग्रेस को नोटिस मिलने पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा. सिब्बल ने कहा कि आयोग कांग्रेस से तो सवाल पूछता है लेकिन पीएम से सबूत मांगने की उसकी हिम्मत नहीं है.
एक ट्ववीट में सिब्बल ने लिखा, चुनाव आयोग ने भाजपा के खिलाफ भ्रष्टाचार के दावों के लिए कांग्रेस से सबूत मांगा है. उन्होंने सवाल किया पीएम ने कांग्रेस पर आतंकवाद से जुड़े लोगों के साथ पिछले दरवाजे से राजनीतिक सौदेबाज़ी करने का आरोप लगाया, इस पर सबूत मांगने के बारे में क्या ? क्या चुनाव आयोग ने पीएम से सबूत मांगने की हिम्मत नहीं है?
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