Karnataka Election: कर्नाटक में 57 फीसदी मतदाता बदलना चाहते हैं सरकार, ओपिनियन पोल में सामने आए चौंकाने वाले नतीजे
Karnataka Election Opinion Poll: एक महीने के बाद कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होना है. उससे पहले एक सर्वे के नतीजों से राज्य सरकार के प्रति लोगों के रुझान का अंदाजा लगता है.
Karnataka Assembly Election 2023 Opinion Poll: कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले सीवोटर के एक सर्वे-कम ओपिनियन पोल के नतीजे सामने आए हैं जो मौजूदा सरकार के प्रति लोगों का रुझान बताते हैं. सर्वे में शामिल हुए लोगों में से 57 फीसदी मतदाता बीजेपी की बसवराज बोम्मई सरकार से नाराज हैं और इसे बदलना चाहते हैं. बता दें कि 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए कर्नाटक में 10 मई को चुनाव होगा.
सर्वे के हवाले से समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 17 फीसदी संभावित मतदाताओं ने कहा कि वे राज्य सरकार से नाराज नहीं हैं और इसे बदलना नहीं चाहते हैं.
CM बसवराज बोम्मई का प्रदर्शन कैसा?
मु्ख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को लेकर भी सर्वे में मतदाताओं की प्रतिक्रिया सामने आई हैं. सर्वे में शामिल किए गए लोगों में से करीब 47 फीसदी ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के प्रदर्शन को खराब बताया है. इसके अलावा, लोगों की नजर में राज्य में बेरोजगारी और बुनियादी ढांचे के बाद भ्रष्टाचार एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरा है.
रिपोर्ट में कहा गया है बीजेपी शासित राज्यों में आखिरी बार 2019 में झारखंड में भी भ्रष्टाचार एक मुद्दा बन गया था, जहां बीजेपी हार गई थी. उसे छोड़कर, राज्यों में मौजूदा बीजेपी सरकारों ने सरकार बदलने के इच्छुक अधिकांश मतदाताओं के बीच नाराजगी के इस स्तर का सामना नहीं किया है.
39 फीसदी ने कहा- कांग्रेस जीतेगी
हाल के दिनों में सीवोटर के सर्वे और पोल्स से पता चला है कि राज्य सरकार के खिलाफ गुस्सा और इसे बदलने की कथित इच्छा का अर्थ यह नहीं है कि मौजूदा सरकार चुनाव हारने वाली है. हालांकि, सीवोटर के पोल में 39 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें लगता है कि कर्नाटक में कांग्रेस जीत रही है. वहीं 34 फीसदी का मानना है कि बीजेपी राज्य में सत्ता बरकरार रखेगी.
बता दें कि सीवोटर ने 2022 में हिमाचल विधानसभा चुनाव से पहले भी इसी तरह का एक सर्वे किया था, जिसमें शामिल 46.6 फीसदी मतदाताओं ने कहा था कि बीजेपी जीतेगी और 43.2 फीसदी ने कांग्रेस के पक्ष में राय दी थी लेकिन बहुत कम अंतर से बीजेपी ने कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवा दी थी.