Karnataka Assembly Election: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए हुई वोटिंग के बाद अब शनिवार (13 मई) को वोटों की गिनती होने जा रही है. 224 सदस्यों वाली राज्य विधानसभा के लिए 10 मई को वोट डाले गए थे. कर्नाटक में कौन सा दल सरकार बनाएगा इसकी तस्वीर दिन तक साफ हो जाएगी. आइए उसके पहले हम आपको बताते हैं कि राज्य में मुख्यमंत्री बनने की किसकी संभावना ज्यादा है.


राज्य विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस व जेडीएस प्रमुख रूप से मैदान में रहे और एक दूसरे के खिलाफ जमकर प्रचार किया. एग्जिट पोल के नतीजों को देखें तो राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनने जा रही है और सरकार बनाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस में नजदीकी मुकाबला रहने वाला है. 


कांग्रेस की सरकार बनी तो..


सिद्धारमैया- अधिकांश एग्जिट पोल राज्य में कांग्रेस को बढ़त दिखा रहे हैं. अगर कांग्रेस की सरकार बनती है कांग्रेस नेता सिद्धारमैया सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं. वे 2013 से 2018 तक राज्य में कांग्रेस सरकार का नेतृत्व कर चुके हैं. अगर पार्टी सरकार बनाने के लिए पर्याप्त नंबर पा लेती है तो एक बार फिर वे सीएम पद की पसंद हो सकते हैं. 


76 साल के सिद्धारमैया की उम्र और पिछली सरकार के लिए कुछ फैसले उनके खिलाफ भी जा सकते हैं, जिसने हिंदू और लिंगायत समुदाय के बीच उनकी लोकप्रियता घटा दी थी. इनमें टीपू सुल्तान का महिमामंडन करना और पीएफआई और एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं की रिहाई शामिल थी.


डीके शिवकुमार- कनकपुरा सीट से लगातार 8 बार के विधायक डीके शिवकुमार की दावेदारी भी काफी मजबूत है. राज्य में कांग्रेस के सबसे धनवान नेता डीके शिवकुमार को तारणहार के रूप में देखा जाता है. वे लंबे समय से सीएम बनने का सपना देख रहे हैं, लेकिन हर बार हाथ से मौका निकल जाता है. 


शिवकुमार को लेकर सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग जांच कर रहे हैं. उन्हें 104 दिन जेल में भी बिताने पड़े थे. उनके खिलाफ कई मामले लंबित हैं. संभावना है कि केंद्र सरकार उनके खिलाफ मामलों की जांच और कार्रवाई में तेजी ला सकती है.


अगर बीजेपी की सरकार बनी तो..


राज्य में बीजेपी की सरकार बनने पर वर्तमान सीएम बसवराज बोम्मई मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार हैं. लिंगायत समुदाय से आने वाले बोम्मई को इसी समुदाय के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा की जगह पद सौंपा गया था. कहा जाता है कि केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही उन्हें येदियुरप्पा का भी समर्थन हासिल है. 


चुनाव के दौरान कांग्रेस ने उनके ऊपर भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा हमला बोला था और उनकी सरकार को 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार कहा था. 



कुमारस्वामी भी रेस में..


हालांकि, किसी भी एग्जिट पोल में जेडीएस को बहुत सीटें मिलती नहीं दिखाई गई हैं, लेकिन कम सीटों के साथ ही जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को सीएम बनने का हुनर बखूबी आता है. अगर त्रिशंकु विधानसभा बनती है तो एक बार फिर वह सीएम बनने के सबसे बड़े दावेदार होंगे.


मतगणना के एक दिन पहले ही उन्होंने इसके लिए दांव भी चल दिया है. उन्होंने कहा है कि जेडीएस सरकार बनाने के लिए कांग्रेस या बीजेपी के साथ जा सकती है, बशर्ते वह पार्टी उनकी शर्त मानें. यह शर्त है सीएम पद पर उनकी ताजपोशी. इसके पहले 2018 के चुनाव में कम सीटों आने के बावजूद वह कांग्रेस के साथ सरकार में मुख्यमंत्री का पद ले गए थे.


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