Karnataka Election 2023: पीएम मोदी के 2024 प्लान में क्यों बेहद अहम कर्नाटक चुनाव, जानें
Karnataka Election 2023: कर्नाटक में अगले महीने विधानसभा के चुनाव होने हैं. कर्नाटक को बीजेपी के लिए बेहद अहम माना जा रहा है तो इसकी वजह भी है. ये राज्य दक्षिण भारत के लिए पार्टी का इकलौता द्वार है.
Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक में चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही राज्य में चुनावी रण का फाइनल स्टेज तैयार हो चुका है. सत्ताधारी बीजेपी राज्य में चुनाव जीतने के लिए सारे दांव आजमा रही है. बीजेपी ने राज्य में अपने सबसे कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्पा को काम पर लगा दिया है. वे फिर से भगवा सरकार बनाने के लिए एक्टिव हो गए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा नेताओं ने 224 सदस्यीय विधानसभा में 150 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. निवर्तमान विधानसभा में, भाजपा के पास 119 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 75 और जेडीएस के पास 28 विधायक हैं. चुनाव के एलान के बाद इस समय सभी पार्टियों ने अभियान को पूरी रफ्तार दे रखी है.
कर्नाटक का इतिहास रहा है कि कोई भी मुख्यमंत्री यहां पर वापसी करने में सफल नहीं रहा है. इसके साथ ही कर्नाटक की मौजूदा बीजेपी सरकार भारी सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है तो राज्य में नेतृत्व का संकट भी खड़ा हुआ है.
कर्नाटक में येदियुरप्पा फैक्टर
अभी तक येदियुरप्पा राज्य में बीजेपी के एकमात्र सर्व स्वीकार्य नेता रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद बीजेपी उनकी जगह नया नेतृत्व तैयार करने की कोशिश कर रही है. हालांकि, बीजेपी येदियुरप्पा और वर्तमान सीएम बोम्मई के बीच किसी भी तनाव से इनकार करती ,है लेकिन पार्टी ने अभी ये भी नहीं कहा है कि वह चुनाव के बाद फिर से बोम्मई को सीएम बनाएगी.
दूसरी तरफ पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत शीर्ष बीजेपी नेतृत्व राज्य में बीएस येदियुरप्पा और उनके परिवार की अहमियत जताने में लग गया है. दरअसल, राज्य की सबसे बड़ी लिंगायत आबादी में येदियुरप्पा का बड़ा प्रभाव है. राज्य में लिंगायतों की संख्या 17 प्रतिशत है. अभी तक राज्य में बीजेपी की सरकार बनाने में लिंगायत समुदाय का बड़ा योगदान रहा है. यही वजह है कि बीजेपी इस समुदाय को खुद से छिटकने नहीं देना चाहती.
येदियुरप्पा के बाद अब बेटे पर नजर
हाल ही में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक पहुंचे थे तो वह येदियुरप्पा के आवास पर मिलने पहुंचे थे और यहां पर उन्होंने येदियुरप्पा और उनके बेटे बीवाई विजयेंद्र के लिए सार्वजनिक रूप से समर्थन व्यक्त किया था. विजयेंद्र बीजेपी की कर्नाटक इकाई के उपाध्यक्ष भी हैं. कर्नाटक बीजेपी में येदियुरप्पा परिवार के महत्व का अंदाजा इस बाद से लगाया जा सकता है कि राज्य में चुनाव के लिए 25 सदस्यीय प्रचार कमेटी में येदियुरप्पा और उनके बेटे विजयेंद्र दोनों को शामिल किया गया है. इसके साथ ही विजयेंद्र के राज्य की प्रमुख सीट से चुनाव लड़ाने की योजना भी है.
कर्नाटक बीजेपी के लिए क्यों अहम?
कर्नाटक के चुनावों का असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी होगा. राज्य में लोकसभा की 39 सीटें हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को 25 सीट मिली थी. दक्षिण का इकलौता राज्य है जहां बीजेपी की सरकार है. ऐसे में बीजेपी के लिए कर्नाटक को बचाए रखना और भी जरूरी हो जाता है जब वह पड़ोसी राज्यों तेलंगाना, केरल और तेलंगाना में अपना असर बढ़ाने के लिए जोर लगा रही है.
कर्नाटक फतह के लिए बीजेपी बूथ स्तर पर अपनी रणनीति को मजबूत कर रही है तो पीएम मोदी की अपील और येदियुरप्पा के अनुभव से भी उम्मीद है. पीएम मोदी राज्य में उसके स्टार प्रचारक हैं और चुनाव के पहले 1 महीने के अंदर उनकी राज्य में 20 रैलियों की योजना है. इसके साथ ही बीजेपी राज्य में हिंदुत्व की अपील पर भी भरोसा कर रही है. पिछले कुछ समय में हिजाब और पीएफआई जैसे मुद्दों से उसे ध्रुवीकरण की उम्मीद है.
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