AIMIM Candidates on Karnataka Election: कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पार्टी की योजना लगभग 25 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार खड़ा करने की है. साथ ही, कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में जनता दल (सेक्युलर) के साथ चुनावी गठबंधन पर नजर गड़ाए हुए है. ये जानकारी पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष उस्मान गनी ने मंगलवार को दी है. गनी ने कहा है कि पार्टी गठबंधन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जेडी (एस) के साथ बातचीत कर रही है, लेकिन बाद में इस प्रस्ताव का जवाब देना बाकी है.
उस्मान गनी ने कहा कि पार्टी राज्य में करीब 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए साल 2018 के चुनावों में एआईएमआईएम ने जेडी (एस) का समर्थन किया था और कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया था.
गठबंधन के लिए करना होगा इंतजार
एआईएमआईएम पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 'अब तक हमने तीन उम्मीदवारों की घोषणा की है. हम गठबंधन के लिए खुले हैं. हम निश्चित रूप से चुनाव लड़ेंगे. हमारा गठबंधन होगा या नहीं, हमें इंतजार करना होगा.' एआईएमआईएम किन पार्टियों के साथ गठबंधन के लिए तैयार है? इसके जवाब में हैदराबाद लोकसभा सदस्य ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस से गठबंधन नहीं करना चाहते, क्योंकि वे मुझ पर झूठे और निराधार आरोप लगाते हैं. इसलिए हम आगे का देखेंगे.
मुस्लिम आरक्षण के फैसले पर रोष
बसवराज बोम्मई सरकार के हाल ही में ओबीसी श्रेणी के तहत मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण खत्म करने के फैसले को ओवैसी ने पूरी तरह से अवैध करार देते हुए रोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यहां विरोध प्रदर्शन क्यों नहीं हुए? तथाकथित सेक्युलर नेताओं और पार्टियों की तरफ से कड़े बयान क्यों नहीं आए? कुछ दलों के जरिये बार-बार की जाने वाली आलोचना पर ही एआईएमआईएम के उम्मीदवार मुस्लिम वोटों के विभाजन का कारण बनते हैं. उन्होंने आश्चर्य जताया कि लिंगायत, वोक्कालिगा और कुरुबा जैसे अन्य समुदायों के नेताओं से ऐसा सवाल क्यों नहीं किया जा रहा है?
बीजेपी ने कांग्रेस के दलबदलुओं की मदद से बनाई सरकार
इसके अलावा, असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी याद दिलाया कि साल 2019 के कर्नाटक लोकसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे, जहां कांग्रेस को केवल एक सीट मिली थी. उन्होंने पूछा कि क्या यह मुस्लिम वोटों के विभाजन का कारण था या बीजेपी के लिए 'बहुमत' मतों के एकत्रीकरण का कारण था? एआईएमआईएम नेता ओवैसी ने कहा कि बीजेपी ने साल 2019 में कांग्रेस के दलबदलुओं की मदद से कर्नाटक में सरकार बनाई थी.
ये भी पढ़ें- Karnataka Elections: क्या बीजेपी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इस 40 साल पुराने मिथक को तोड़ सकती है?