Karnataka Election 2023: कांग्रेस के आरोपों के बीच बीजेपी चलाएगी 'लिंगायत मुख्यमंत्री' कैंपेन, क्या हैं इसके मायने?
Karnataka Elections: बीजेपी के लिंगायत नेताओं ने बुधवार (19अप्रैल ) शाम कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के आवास पर एक बैठक की. इस बैठक में कांग्रेस का मुकाबला करने को सुझाव दिए गए.
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Karnataka Assembly Elections 2023: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिंगायत नेताओं ने सत्तारूढ़ पार्टी को ‘लिंगायत विरोधी’ करार देने के कांग्रेस के दावे का जवाब देने के लिए चुनावी राज्य कर्नाटक में ‘लिंगायत मुख्यमंत्री’ अभियान शुरू करने की वकालत की है. राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लिंगायत समुदाय राज्य की आबादी का लगभग 17 प्रतिशत है. इस समुदाय के ज्यादातर लोग राज्य के उत्तरी हिस्सों में हैं, बीजेपी इन्हें अपने मजबूत समर्थक वर्ग के तौर पर देखती है.
वरिष्ठ लिंगायत नेता जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी ने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस तभी से बीजेपी पर लिंगायतों के साथ ‘अन्याय’ करने और उसके ‘लिंगायत विरोधी’ होने के आरोप लगा रही है. इसके मद्देनजर, सत्तारूढ़ पार्टी नुकसान से भरपाई की कोशिशों में जुट गई है.
अगला मुख्यमंत्री लिंगायत समुदाय से
बीजेपी के लिंगायत नेताओं ने बुधवार (19 अप्रैल) शाम कर्नाटक के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के आवास पर एक बैठक की. इस बैठक में कांग्रेस का मुकाबला करने के लिए यह सुझाव दिया गया कि पार्टी को लिंगायत समुदाय के नेता को अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश करना चाहिए और मजबूती से यह अभियान चलाना चाहिए. ऐसे में उसके सत्ता में आने की स्थिति में अगला मुख्यमंत्री लिंगायत समुदाय का ही होगा.
इस बात की मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने गुरुवार (20 अप्रैल) को पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पुष्टि की है. उनके मुताबिक, बैठक में ‘कुछ मुद्दों’ पर कांग्रेस की फैलाई जा रही ‘भ्रामक सूचनाओं’ का दृढ़ता से मुकाबला करने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा, ‘कुछ सुझाव भी आए हैं (लिंगायत मुख्यमंत्री को लेकर). धर्मेंद्र प्रधान (केंद्रीय मंत्री जो बीजेपी के कर्नाटक चुनाव प्रभारी हैं) भी वहां थे. उन्होंने (प्रधान ने) कहा कि वह (लिंगायत-मुख्यमंत्री की जरूरत पर) हमारी भावनाओं से आलाकमान को अवगत कराएंगे.’
‘बीजेपी में सभी के लिए सम्मान और अवसर है.’
जब एक पत्रकार ने पूछा कि कांग्रेस बीजेपी को ‘लिंगायत विरोधी’ बता रही है, तो मुख्यमंत्री ने उल्टा उसी से पूछ डाला, "आप इस मुद्दे को जीवित रखना चाहते हैं?" बोम्मई ने कहा, "1967 के बाद से पिछले 50 वर्षों में कांग्रेस ने वीरेंद्र पाटिल के नौ महीने के कार्यकाल को छोड़कर किसी लिंगायत को मुख्यमंत्री नहीं बनाया है." उन्होंने सवाल पूछने वाले पत्रकार से कहा, "यह सवाल फिर से मत पूछना."
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने वरिष्ठ लिंगायत नेताओं के साथ कैसा व्यवहार किया, इसके कई उदाहरण हैं और लोग यह नहीं भूलेंगे कि कैसे कांग्रेस ने पांच साल पहले ‘वोट बैंक’ बनाने के लिए समुदाय को तोड़ने (समुदाय के लिए एक अलग धार्मिक दर्जे की मांग) की कोशिश की थी. बोम्मई ने कहा, "बीजेपी में सभी के लिए सम्मान और अवसर है.’उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दलितों, लिंगायतों और पिछड़े वर्गों को ‘धोखा’ दिया."
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