Karnataka Election 2023: हिजाब विवाद में मुस्लिम छात्राओं को 'आतंकवादी' कहने वाले नेता यशपाल सुवर्णा को BJP ने दिया टिकट
Karnataka: इसमें पहले मौजूदा बीजेपी विधायक राघपति भट को टिकट दिया गया था, जिसे बाद में काट दिया गया और उडुपी विधानसभा क्षेत्र से यशपाल सुवर्णा को टिकट दिया गया है.
Yashpal Suvarna: पिछले साल कर्नाटक के स्कूल और कॉलेजों में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनकर आने पर बैन लगा दिया गया था. जिसको लेकर काफी ज्यादा विवाद हुआ था. इस दौरान कर्नाटक बीजेपी के एक नेता ने भी हिजाब पहनने की मांग करने वाली छात्राओं को 'आतंकवादी' बोला था. इसी नेता को अब बीजेपी ने विधानसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाया है. दरअसल, बीते मंगलवार (11 अप्रैल) की आधी रात को बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी. इसमें पहले मौजूदा बीजेपी विधायक राघपति भट को टिकट दिया गया था, जिसे बाद में काट दिया गया और उडुपी विधानसभा क्षेत्र से यशपाल आनंद सुवर्णा को दिया है. यशपाल पहली बार चुनावी मैदान में उतरे हैं.
उडुपी से तीन बार जीते हैं राघपति भट
बीजेपी ने जिस ब्राह्मण नेता राघपति भट का टिकट काटा है, उन्होंने उडुपी से तीन बार चुनाव जीता है. इस बार के चुनाव में भी उन्हें बीजेपी से टिकट मिलने का पूरा विश्वास था. राघपति भट का कहना था कि वह बीजेपी के लिए वफादार रहे हैं और पार्टी उनका टिकट नहीं काटेगी. अगर ऐसा होता है तो वह आगे तय करेंगे कि क्या करना है? उधर, पार्टी सूत्रों का दावा है कि इस बार के चुनाव में ग्राउंड लेवल पर काम करने वाले ओबीसी नेता को टिकट देने की मांग की जा रही थी, जिसके बाद यशपाल सुवर्णा को उम्मीदवार बनाया गया है.
क्या भट के समर्थकों से होगा नुकसान?
क्या राघपति भट के समर्थकों की निराशा उन्हें नुकसान पहुंचाएगी? इस सवाल के जवाब में यशपाल सुवर्णा ने कहा कि 'वह उनका भरोसा जीतने को लेकर आश्वस्त हैं. उडुपी में व्यक्ति से अधिक महत्वपूर्ण पार्टी है. एक बार टिकट की घोषणा हो जाने के बाद हर व्यक्ति पार्टी के लिए काम करेगा, इसका मुझे पूरा भरोसा है.
कोर्ट में मुस्लिम छात्राओं को कहा था 'आतंकवादी'
ओबीसी वर्ग के मोगावीरा समुदाय से आने वाले 45 वर्षीय यशपाल सुवर्णा उडुपी गवर्नमेंट पीयू गर्ल्स कॉलेज की विकास समिति के उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने हिजाब विवाद के दौरान बड़ी भूमिका निभाई थी. हिजाब के खिलाफ वो सबसे आगे खड़े थे. उन्होने कोर्ट पहुंची छह मुस्लिम छात्राओं को आतंकवादी तक कह डाला था. आज भी यशपाल सुवर्णा कहते हैं कि वो अभी भी अपने इस बयान पर कायम हैं. क्योंकि, जो लोग देश के कानून का पालन नहीं करते हैं, वो सब देशद्रोही हैं. यशपाल सुवर्णा के पिता एक बैंकर थे. मछली पकड़ने का व्यवसाय शुरू करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी तक को छोड़ दिया था.