Karnataka Elections: कर्नाटक में चुनाव होने में कुछ दिन का समय बाकी है. राजनीतिक दलों के नेता मंच से जनता को अनेकों तरह के भाषण देते रहते हैं. ये भाषण काफी लंबे और थका देने वाले भी होते हैं, जिन्हें ज्यादातर चुनावी प्रचार अभियान के दौरान इस्तेमाल किया जाता है. चुनाव भाषण स्थानीय फैक्टर पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं. एक ही चुनाव के बीच राज्य भर के भाषणों में हमेशा व्यापक रूप से बदलाव करने की जरूरत होती है. ऐसे में इस विश्लेषण के लिए हमने पीएम नरेंद्र मोदी के दो भाषणों को चुना है. जिसमें एक 3 मई, 2023 को मुदबिद्री में और दूसरा 3 मई, 2018 को कलबुर्गी में दिया गया था.


साल 2018 के विधानसभा चुनावों की तुलना में साल 2023 के कर्नाटक अभियान के दौरान पीएम मोदी के भाषणों में थोड़ा बदलाव देखा जा सकता है. ये दोनों भाषण narendramodi.in पर हिंदी में मौजूद हैं. आइये जानते हैं कि पीएम मोदी के चुनावी भाषणों में क्या बदलाव दिखाई दिए है?


पीएम मोदी के भाषण 
- इस बार के चुनाव में पीएम मोदी के भाषणों में 'बजरंग बली' की एंट्री जोरों पर है. यह कांग्रेस के कर्नाटक घोषणापत्र के जवाब में है, जिसमें पीएफआई और बजरंग दल जैसे संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और बैन करने का वादा किया गया है. अगर, वे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ते पाए जाते हैं.


- पिछले चुनाव की तुलना में इस बार सशस्त्र बलों का प्रयोग स्पष्ट तरीके नहीं किया गया है. पिछली बार फील्ड मार्शल केएम करियप्पा और जनरल थिमय्या के नाम और 'सर्जिकल स्ट्राइक' जैसे शब्द अक्सर इस्तेमाल किए गए थे. साल 2023 के पीएम मोदी के चुनावी भाषण से ये शब्द गायब थे.


- सिर्फ कर्नाटक ही नहीं, बल्कि पूरे चुनावों में उज्जवला योजना के लाभों को उजागर करना एक सामान्य विषय रहा है. दोनों भाषणों (2018 और 2023) में इसका जिक्र भी किया गया था. साथ ही इस बात पर प्रकाश डाला गया था कि अब गैस कनेक्शन व्यापक रूप से कैसे उपलब्ध हैं.


- इस बार के चुनावी भाषण में 'कर्नाटक को नंबर-1 राज्य बनाना' अक्सर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है. इसके अलावा, पीएम मोदी ने 'डबल इंजन सरकार' (केंद्र और राज्य में एक पार्टी की सरकार) के फायदों के बारे में भी बताया. यह बीजेपी के पसंदीदा विषयों में से एक है.


- इस बार चुनावी भाषणों में 'स्पेस रिसर्च' और 'रॉकेट टेक्नोलॉजी' जैसे शब्दों की एंट्री हो गई है.


- इस साल मुदबिद्री में पीएम मोदी ने 2014 में केंद्र में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से देश में यूनिकॉर्न की संख्या में बड़े उछाल को उजागर करने में काफी समय बिताया. उन्होंने बताया कि यूनिकॉर्न 1 बिलियन डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाले स्टार्टअप हैं. हुरुन के ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स 2023 के अनुसार, यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है.


- इस बार स्टार्टअप्स को समर्थन देने के सरकार के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला गया. डेटा से यह भी पता चलता है कि बेंगलुरु हाल के वर्षों में स्टार्टअप्स का हब रहा है.


- पिछले और इस बार के दोनों चुनावों में कर्नाटक में एक सामान्य विषय मुख्य विपक्ष कांग्रेस पर एक हमला बोलना था. इस बार मोदी के भाषण में 'शाही परिवार' या 'रॉयल फेमिली' शब्द ज्यादातर इस्तेमाल किया गया.


- पिछली बार की तरह इस बार के चुनाव में भी किसानों के कल्याण, महिला सशक्तिकरण और युवाओं के लिए अधिक अवसर सुनिश्चित करने जैसे विषय का जिक्र किया गया था.


- पीएम मोदी ने यह भी सुनिश्चित किया कि उनके भाषणों में स्थानीय लोगों के योगदान और व्यापक अर्थव्यवस्था में उनके योगदान पर प्रकाश डाला जाए.


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