Karnataka Elections: कर्नाटक में सोमवार (8 मई) की शाम को चुनाव प्रचार समाप्त हो गया था. जिसके बाद कर्नाटक के मतदाताओं से पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो के माध्यम से अपील की थी और इसे ट्वीट भी किया था. इसको लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ये आदर्श आचार संहिता का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन है.
इसके लिए कांग्रेस ने पीएम मोदी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार (9 मई) को चुनाव आयोग में याचिका भी दायर की है. कर्नाटक के प्रभारी कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूछा कि क्या चुनाव आयोग मूक, असहाय और तमाशबीन बना रहेगा या अपने संवैधानिक कर्तव्य को पूरा करेगा और पीएम मोदी के खिलाफ कार्रवाई करेगा.
मुख्य चुनाव आयुक्त को एक लंबी शिकायत में सुरजेवाला ने पूछा कि प्रधानमंत्री पर कानून लागू होते हैं या नहीं? यदि ईसीआई के पास इस तरह के शासनादेश को लागू करने की क्षमता और इच्छा है, तो वह असहाय और तमाशा देखने वाला क्यों बना हुआ है? क्या वास्तव में ईसीआई के लिए एक लिटमस टेस्ट है?
'वे खुद को कानून और संविधान से ऊपर मानते हैं'
कांग्रेस ने चुनाव आयोग को शिकायत में लिखा कि एक बात बहुत स्पष्ट है. वे खुद को कानून और संविधान से ऊपर मानते हैं. उनका मानना है कि ईसीआई या तो उनके उच्च पदों से डरा हुआ है या फिर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बहुत कमजोर है. उन्हें खुले तौर पर आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन के लिए और साथ ही विभिन्न अन्य चुनावी कानूनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए.
कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा कि यह भारत के इस माननीय चुनाव आयोग के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत अपने संवैधानिक कर्तव्य का पालन करने और सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए एक लिटमस टेस्ट है.
सत्ता में रहने वालों को कभी भी ईसीआई या कानून के शासन के प्रति जवाबदेह नहीं ठहराया जाएगा. पार्टी ने आरोप लगाया कि एक अलिखित, लेकिन स्वीकृत मानदंड यह होगा कि ईसीआई जनादेश केवल विपक्षी दलों तक फैला है. यह पीएम मोदी और उनके सहयोगियों के लिए नहीं है.
'चुनाव आयोग इस मामले पर उचित ध्यान देगा'
कांग्रेस की शिकायत के मुताबिक, यदि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के तहत दोषी ठहराया जाता है, तो ये नेता संसद के साथ-साथ विधानसभा में अपनी संबंधित सदस्यता से अयोग्य हो जाएंगे. सीईसी को भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि हम आशा करते हैं कि चुनाव आयोग इस मामले पर उचित ध्यान देगा और इस मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू करेगा. बताते चलें कि मतदान समाप्त होने के अड़तालीस घंटे पहले मौन काल माना जाता है.
पीएम मोदी ने की थी अपील
पीएम मोदी ने अपनी अपील में राज्य को देश में नंबर एक बनाने के मिशन में कर्नाटक के लोगों का आशीर्वाद मांगा था. मतदान से एक दिन पहले कर्नाटक में बीजेपी सरकार की वापसी की पुरजोर वकालत करते हुए पीएम मोदी ने अपनी एक अपील में कहा था कि पिछले कुछ दिनों में राज्य में उन्हें जो स्नेह मिला है, वह अद्वितीय है और इससे जनता के प्रति संकल्प मजबूत हुआ है. इसे सभी क्षेत्रों में नंबर एक बनाएं.
अभिषेक सिंघवी ने कही ये बात
पीएम मोदी की अपील को लेकर कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि 'मैंने एमसीसी उल्लंघन के बारे में बात करना बंद कर दिया है, लेकिन यह पूछना चाहिए कि एमसीसी के उल्लंघन के आरोपी कौन हैं? अगर पीएम आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं तो इसके बारे में बात भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे कुछ नहीं होगा और कोई नोटिस जारी नहीं किया जाएगा. अगर हम अपना प्रतिनिधिमंडल भी लेते हैं, तो उसे लंबित रखा जाएगा और कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
उन्होंने कहा कि दीवार पर लिखी इबारत उन्हें मालूम है. वे जानते हैं कि वे हार रहे हैं. वे जानते हैं कि हम सरकार बना रहे हैं, आप जो कुछ भी सुन रहे हैं और कह रहे हैं वह हताशा का संकेत है. इसलिए, कृपया मेरे कहने पर विश्वास करें, यह सब शैडो बॉक्सिंग है.
अमित शाह, जेपी नड्डा और सीएम योगी पर भी कार्रवाई की मांग
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली उसकी कई शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की. पार्टी ने चुनाव आयोग पर पूर्वाग्रह करने और विपक्षी दल और सत्तारूढ़ दल के साथ अलग व्यवहार करने का भी आरोप लगाया है.
कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और अन्य वरिष्ठ बीजेपी नेताओं के जरिये की गई विभिन्न टिप्पणियों पर भी आपत्ति जताई. पार्टी की मांग है कि चुनाव आयोग इनके खिलाफ उचित कार्रवाई करे.