Karnataka Elections: करीब दो हफ्तों के बाद कर्नाटक का विधानसभा चुनाव संपन्न हो जाएगा और 13 मई को सामने आ जाएगा कि सत्ता पर कौन बैठेगा? लेकिन, इससे पहले राज्य का चुनाव काफी दिलचस्प होता जा रहा है. एक तरफ सभी राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं तो दूसरी तरफ एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का काम भी शुरू हो चुका है.


इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी डीके शिवकुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि डीके शिवकुमार ने टिकट देने के बदले उम्मीदवारों से पैसे लिए हैं. शोभा ने उन पर कड़ी कार्रवाई की गुजारिश भी की है.


करंदलाजे के शिवकुमार पर आरोप


कर्नाटक में बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस में चुनावी टक्कर है. कई सीटों पर अपने कांग्रेस भी अपने उम्मीदवार खड़ा कर रही है. उधर, बीजेपी राज्य चुनाव प्रबंधन कमेटी की संयोजक शोभा करंदलाजे ने कांग्रेस पर संगीन आरोप लगाए हैं. उन्होंने चुनाव आयोग में दी अपनी शिकायत में कहा कि यहां पर पैसों में टिकट बांटे गए हैं. डीके शिवकुमार ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है. इन लोगों ने उम्मीदवारों से पैसे लिए हैं'. इन आरोपों को लेकर अब चुनाव अधिकारी जांच कर रहे हैं. बता दें कि नामांकन करने की आखिरी तारीख 20 अप्रैल थी.


रोड शो में उड़ाए थे 500 के नोट


इससे पहले डीके शिवकुमार पर पुलिस ने 500 के नोट बरसाने के मामले में शिकायत दर्ज की थी. दरअसल, पिछले महीने मांड्या में एक रोड शो के दौरान डीके शिवकुमार लोगों के ऊपर पांच सौ के नोट बरसा रहे थे. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था. वीडियो के संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था.


प्रचार में ताकत झोंकी


बीजेपी के आलाकमान से लेकर दिग्गज नेता तक सभी कर्नाटक चुनाव में जीत हासिल करने को लेकर खूब मेहनत कर रहे हैं. दरअसल, अगले साल ही लोकसभा चुनाव भी हैं, इसका असर 2024 लोकसभा चुनाव में जरुर पड़ेगा. इसीलिए कांग्रेस और बीजेपी मैदान में अपना दमखम दिखा रही हैं. कर्नाटक में विपक्ष के पास एक बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार है. वहीं, इनसे बचने के लिए बीजेपी अतीक अहमद और अरशफ मर्डर केस जैसे दूसरे मुद्दों को उठा रही है.


कर्नाटक का चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है. एक तरफ बीजेपी फिर से सत्ता में वापसी चाहती है तो दूसरी तरफ कांग्रेस अपने गढ़ पर कब्जा करने के लिए बेकरार है. वहीं, इन दोनों के बीच निर्णायक पार्टी जेडीएस बन सकती है.


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