Karnataka Assembly Elections 2023: कर्नाटक में अगले कुछ दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच अब चुनाव आयोग भी एक्शन मोड में आ गया है. दरअसल राज्य की चुनावी सरगर्मी के बीच सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप खासा वायरल हो रहा है, जिसमें बीजेपी नेता द्वारा जेडीएस पार्टी के उम्मीदवार को पैसे की पेशकश करके उम्मीदवारी वापस लेने के लिए कहा जा रहा है. इस ऑडियो पर सख्त रवैयै अपनाते हुए चुनाव आयोग ने बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिए हैं. 


कर्नाटक की चामराजनगर विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार वी सोमाना चुनाव में उतरे हैं और उसी सीट पर जेडीएस के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन स्वामी भी मैदान में हैं. वायरल ऑडियो में दावा किया गया है कि चुनाव से पहले बीजेपी नेता ने उनसे अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश की. जिसपर ईसीआई के कहने के बाद सोमना पर नगर थाना चामराजनगर में आईपीसी की 1860 की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.


किसी कदाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
चामराजनगर विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार वी सोमाना ने जेडीएस पार्टी के मल्लिकार्जुन स्वामी को चुनाव से वापस हट जाने को कहा. इसके बदले सोमाना ने जेडीएस उम्मीदवार स्वामी को पैसे और सरकारी गाड़ी दिलाने की पेशकश की. इस ऑडियो के वायरल होने के बाद चुनाव आयोग ने कर्नाटक के मुख्य पोलिंग अधिकारी ने बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ यह कार्रवाई की है. चुनाव आयोग ने कहा कि वह विधानसभा चुनाव के दौरान किसी भी तरह के कदाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने कर्नाटक सीईओ से विजिलेंस बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.






अयोग्य भी घोषित हो सकते हैं बीजेपी प्रत्याशी
ईसीआई ने कहा, चुनाव आयोग कर्नाटक चुनाव 2023 में उम्मीदवारों और मतदाताओं को रिश्वत देने या डराने-धमकाने के किसी भी प्रयास के प्रति कोई सहनशीलता नहीं दिखाता है. उन्होंने सीईओ और डीईओ अधिकारी को समय पर कार्रवाई के लिए सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखने को कहा है. इस मामले में नगर थाना चामराजनगर में आईपीसी की धारा 1860 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.


जारी किए गए बयान में कहा गया कि भारत के चुनाव आयोग ने उस मामले को गंभीरता से लिया है जिसमें सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप प्रसारित की जा रही है. इसके अलावा, चल रहे कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में इस तरह के किसी भी भ्रष्ट आचरण के प्रति चुनाव आयोग कठोर कदम उठाएगी.


बीजेपी नेता पर आईपीसी, 1860 की धारा 171ई और 171 एफ और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 के तहत भ्रष्ट आचरण के कारण चुनाव को रद्द किया जा सकता है और उम्मीदवार को धारा 8 (1) (ए) के तहत उन्हें अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है. 


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