Karnataka Election 2023: कर्नाटक चुनाव से पहले देवेगौड़ा ने छेड़ी महिला आरक्षण की तान! PM मोदी को लेटर में लिखी ये बात
HD Devegowda: पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा ने वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिये उन्होंने पीएम मोदी से महिला आरक्षण बिल पर दोबारा से विचार करने को कहा है.
HD Devegowda: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 होने में एक महीने से कम का समय बचा हुआ है. इस बीच एक बार फिर से महिला आरक्षण बिल का मुद्दा कर्नाटक में गरमा गया है. दरअसल, भारत के पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा ने वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिये उन्होंने पीएम मोदी से महिला आरक्षण बिल पर दोबारा से विचार करने को कहा है.
दो पन्नों के इस पत्र को एचडी देवेगौड़ा ने अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से शेयर किया है. शनिवार (15 अप्रैल) को किये गये ट्वीट में देवेगौड़ा ने लिखा कि मैंने हाल ही में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे महिला आरक्षण विधेयक को फिर से पेश करने पर विचार करने का अनुरोध किया था. मैंने इसे पहली बार 1996 में लिया था. जब हम जल्द ही एक नए संसद भवन में प्रवेश करेंगे तो यह सबसे अच्छा काम होगा.
पत्र में क्या लिखा?
ये पत्र 10 अप्रैल, 2023 की तारीख को लिखा गया है. पीएम नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि जब चुनाव आयोग ने हाल ही में कर्नाटक में चुनावों की घोषणा की और राज्य में पात्र महिला मतदाताओं की संख्या जारी की तो यह आश्चर्य की बात नहीं थी कि वे कुल मतदाताओं का लगभग 50 प्रतिशत थीं. ये आंकड़े भारत के अन्य राज्यों में भिन्न नहीं हैं. इसने मुझे विधानसभाओं और संसद में महिलाओं के लिए आरक्षण पर फिर से विचार करने के लिए प्रेरित किया.
लेटर में आगे कहा गया है कि आपको याद होगा, मैं 1996 में प्रधानमंत्री के रूप में महिला आरक्षण बिल संसद में लाया था (एक एजेंडा जिसे मैंने 1995 में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के साथ मुख्यमंत्री के रूप में आगे बढ़ाया था), लेकिन इसे पारित होता देखने में असफल रहा. इसके बाद 2008 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के जरिये किए गए प्रयास भी तार्किक निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे. दोनों बार जब बिल को पारित करने का प्रयास किया गया, तो सरकार के पास बहुमत नहीं था और वे अपने गठबंधन सहयोगियों पर निर्भर थीं. आपके मामले में आप भाग्यशाली हैं कि आपके पास संसद में बहुमत है और शायद आप इसे पारित करने में सफल भी हों.
I recently wrote to the Prime Minister requesting him to consider reintroducing the Women’s Reservation Bill. I had taken it up first in 1996. It will be the first best thing to do as we move into a new parliament building soon. pic.twitter.com/AdzymLywFW
— H D Devegowda (@H_D_Devegowda) April 15, 2023
पत्र में कहा गया है कि मैं आपसे आग्रह करता हूं कि 2024 के आम चुनाव से पहले महिला आरक्षण बिल को पारित करने पर विचार करें. 1996 और 2008 में प्रस्तुत बिल के मसौदे में उपयुक्त संशोधन किए जा सकते हैं. सामाजिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करना लैंगिक न्याय के इस महान कदम की सफलता की चाभी होगा. विधानसभाओं और संसद में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देना एक ऐसा विचार है जिसका समय आ गया है. इस विधेयक को लाना और इसे पारित करना संकेत होगा, क्योंकि हम एक नए और बहुत आधुनिक संसद भवन में परिवर्तित हो रहे हैं. हमारी माताएं और बहनें हमसे बेहतर की पात्र हैं.
लेटर में कहा गया है कि यूरोप और अमेरिका के लोकतंत्रों में विधायी निकायों और राजनीतिक दलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व भारत की तुलना में अधिक है. सामूहिक रूप से इस समस्या को दूर करने से देश का बहुत भला होगा और इस संबंध में आपका दृढ़ संकल्प आवश्यक है. महिला आरक्षण बिल पर विचार करने के लिए जब भारत जी20 का नेतृत्व करेगा तो दुनिया को एक सकारात्मक संदेश जाएगा. यह दुनिया को बताएगा कि हम अपने लोकतंत्र के प्रति गंभीर हैं और इसे गहरा करना चाहते हैं.
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