Infighting in BJP: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में एक महीने से भी कम समय बचा है. इसी बीच कर्नाटक में बीजेपी के लिए संकट बढ़ता नजर आ रहा है. दरअसल, उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के बाद से बीजेपी में घमासान मचा हुआ है. टिकट ना मिलने से नाराज पार्टी के नेता इस्तीफा देने की धमकी दे रहे हैं. बीते दिनों बीजेपी के वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सावदी के पार्टी छोड़ने के बाद, बीजेपी के एक पूर्व विधायक डोड्डप्पागौड़ा पाटिल नरीबोल ने बाहर निकलने की घोषणा की है. इसके अलावा, मंत्री एस अंगारा ने इस्तीफे की धमकी दी है. इन तीनों को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है.
लक्ष्मण सावदी
पूर्व डिप्टी सीएम और छह बार के विधायक लक्ष्मण सावदी ने कहा कि 'मैंने अपना फैसला कर लिया है. मैं भीख का कटोरा लेकर घूमने वालों में से नहीं हूं. मैं एक स्वाभिमानी राजनीतिज्ञ हूं. मैं किसी के प्रभाव में काम नहीं कर रहा हूं'. उधर, सूत्रों का कहना है कि वह कांग्रेस के साथ बातचीत कर रहे हैं और जल्द ही कोई बदलाव कर सकते हैं. इस पर कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा कि 'वह न तो मेरे संपर्क में हैं और न ही उन्होंने मुझसे बात की है'. इन चर्चाओं के बाद 63 वर्षीय लक्ष्मण सावदी ने कहा था कि 'मैं अपने अगले राजनीतिक कदम की घोषणा गुरुवार (13 अप्रैल) को करूंगा और शुक्रवार (14 अप्रैल) से इस पर काम करना शुरू कर दूंगा'.
सावदी पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के वफादार हैं और राज्य के सबसे शक्तिशाली लिंगायत नेताओं में से एक हैं. सावदी अपने संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते हैं. साल 2018 के चुनाव में वह अथानी निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार महेश कुमथहल्ली से हार गए थे. एक साल बाद जब कांग्रेस-जेडीएस सरकार से बड़े पैमाने पर दलबदल ने बीजेपी को तख्तापलट करने में सक्षम बनाया तो (विधानसभा में पोर्न देखते पकड़े जाने के बाद साल 2012 में भारी विवाद के बावजूद) लक्ष्मण सावदी को उनकी भूमिका के लिए पुरस्कृत किया गया. इन दलबदलुओं में शामिल महेश कुमथहल्ली इस बार अथानी से बीजेपी के उम्मीदवार हैं. वर्तमान विधायकों की कीमत पर कई अन्य दलबदलुओं को उम्मीदवार बनाया गया है. बीजेपी अपने उम्मीदवारों के चयन को लेकर खेमे में बढ़ती नाराजगी का सामना कर रही है.
जगदीश शेट्टार
बीजेपी की पहली और दूसरी लिस्ट में पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार का नाम गायब है. एक दिन पहले ही उन्होंने पार्टी नेतृत्व के आह्वान पर टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर की थी. हुबली धारवाड़ सेंट्रल के विधायक ने बुधवार (12 अप्रैल) को दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और साफ कर दिया कि वह मैदान से नहीं हटेंगे. शेट्टार ने कहा कि मैंने अपना विचार व्यक्त किया कि मैं चुनाव लड़ने जा रहा हूं. मैं लगातार छह बार निर्वाचित हुआ हूं. मुझे एक और मौका दो. मेरा सब कुछ समझा हुआ है. इस पर उन्होंने (नड्डा) कहा कि वह अन्य नेताओं के साथ चर्चा करने जा रहे हैं और एक निष्कर्ष पर पहुंचेंगे.
वहीं, येदियुरप्पा ने बेंगलुरु में बताया कि 'बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि विकास को लेकर यह स्पष्ट संकेत है कि पार्टी उनको मैदान में उतारेगी. जो लिंगायत समुदाय से हैं. शुरुआत में वरिष्ठ नेताओं को युवा उम्मीदवारों के लिए रास्ता बनाने की अपनी योजना के तहत उन्हें हटाने के विचार के साथ खिलवाड़ किया गया था. 99 प्रतिशत शेट्टार को टिकट मिलेगा. शेट्टार ने किसी भी तरह से चुनाव लड़ने की धमकी और निर्दलीय लड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया है'.
एस अंगारा
बीजेपी सरकार में मंत्री और छह बार के विधायक एस अंगारा ने दक्षिण कन्नड़ जिले में अपने सुलिया निर्वाचन क्षेत्र से टिकट से इनकार किए जाने के बाद राजनीति से संन्यास की घोषणा की. उन्होंने कहा कि समर्पण के साथ पार्टी के लिए मेहनत करने वाले विधायक के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाता है. मैं बिना किसी दाग के पार्टी और समाज के लिए काम करता रहा हूं, लेकिन ईमानदारी की कोई कीमत नहीं है. मैं अब पार्टी के लिए काम नहीं करूंगा'.
रघुपति भट
उडुपी से बीजेपी विधायक रघुपति भट का टिकट काट दिया गया. इस सीट से अब यशपाल सुवर्णा को टिकट दिया गया है. इस पर भट ने कहा कि 'मैं पार्टी के फैसले से दुखी नहीं हूं, लेकिन जिस तरह से पार्टी ने मेरे साथ व्यवहार किया है, उससे मैं दुखी हूं. अमित शाह ने जगदीश शेट्टार को फोन कर उनकी योजनाओं की जानकारी दी थी. मुझे उम्मीद नहीं है कि शाह मुझे बुलाएंगे, लेकिन कम से कम जिलाध्यक्ष को मुझे पहले से सूचित करना चाहिए था'. बता दें कि कर्नाटक में पिछले साल हुए हिजाब विवाद ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं थी. यशपाल सुवर्णा उडुपी गवर्नमेंट पीयू गर्ल्स कॉलेज की विकास समिति के उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने हिजाब विवाद के दौरान बड़ी भूमिका निभाई थी. हिजाब के खिलाफ वो सबसे आगे खड़े थे. उन्होने कोर्ट पहुंची छह मुस्लिम छात्राओं को आतंकवादी तक कह डाला था.
इन नेताओं ने भी छोड़ी पार्टी
पहली सूची की घोषणा से पहले ही एक अन्य वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा ने चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा की थी. सूत्रों का कहना है कि उन्हें संकेत मिले थे कि उन्हें हटा दिया जाएगा. वहीं, कर्नाटक चुनाव 2023 के लिए टिकट से इनकार किए जाने के बाद मुदिगेरे निर्वाचन क्षेत्र के बीजेपी विधायक एमपी कुमारस्वामी ने कहा है कि मैं आज (गुरुवार) अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दूंगा. इसके अलावा, एक अन्य बीजेपी एमएलसी आर शंकर ने विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया है. शंकर के मुताबिक, उन्होंने हावेरी जिले की रानीबेन्नूर सीट से टिकट के लिए अनुरोध किया था, जिसे बीजेपी ने नजरअंदाज कर दिया और वहां से अरुण कुमार पुजार को मैदान में उतार दिया. साल 2018 में इस सीट से चुने गए शंकर ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से समर्थन भी वापस ले लिया था.
विधायक हटाए गए, कांग्रेस के दलबदलू चुने गए
कर्नाटक चुनाव के लिए बीजेपी ने मंगलवार को 189 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें कई विधायकों को हटाकर कांग्रेस के दलबदलुओं को चुना गया है. पहली सूची में 52 नए उम्मीदवार हैं. बुधवार को बीजेपी ने 23 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है. इसी के साथ बीजेपी ने कर्नाटक की कुल 224 सीटों में से अपने 212 प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, लेकिन अभी 12 उम्मीदवारों की घोषणा होनी बाकी है. बीजेपी की 23 उम्मीदवारों की दूसरी सूची में 7 मौजूदा विधायकों का टिकट कटा है. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया था कि पार्टी को 'दागदार, घिसी-पिटी और समायोजन की राजनीति' से दूर रहना चाहिए.