Karnataka Election 2023: क्या सिद्धारमैया लेने वाले हैं राजनीति से संन्यास? वरुणा की रैली में किया ऐलान
कांग्रेस ने सिद्धारमैया का नाम कोलार सीट से हटा दिया था. उनकी जगह कोथुर जी मंजूनाथ को मैदान में उतारा है. सिद्धारमैया वरुणा के अलावा कोलार से चुनाव लड़ने की इच्छा काफी बार जता चुके हैं.
Siddaramaiah on Karnataka Elections: कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले गहमागहमी का माहौल शुरू है. इस बीच बुधवार (19 अप्रैल) को पूर्व सीएम और कांग्रेस बड़े नेता सिद्धारमैया ने बड़ा ऐलान किया है. मैसूरु के वरुणा में एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा कि इस चुनाव के बाद मैं चुनावी राजनीति छोड़ दूंगा.
दरअसल, आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सिद्धारमैया केवल वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस ने 224 सीटों वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार (15 अप्रैल) को अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की थी. इसमें कांग्रेस ने सिद्धारमैया का नाम कोलार सीट से हटा दिया था. उनकी जगह कोथुर जी मंजूनाथ को मैदान में उतारा है. हालांकि, सिद्धारमैया ने वरुणा के अलावा कोलार सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा काफी बार जता चुके हैं.
सिद्धारमैया आज करेंगे नामांकन
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया बुधवार (19 अप्रैल) को वरुणा निर्वाचन क्षेत्र के लिए अपना नामांकन दाखिल करने की उम्मीद है. वहीं, बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए जगदीश शेट्टार ने 19 अप्रैल को हुबली-धारवाड़-मध्य विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया है.
10 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव एक चरण में होने हैं और नतीजे 13 मई को घोषित किए जाएंगे. इससे पहले पिछले महीने में सिद्धारमैया उस वक्त मुसीबत में फंसे थे, जब उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को थप्पड़ मार दिया था, जो कथित तौर पर कांग्रेस विधायक के लिए चुनाव टिकट की मांग करने वाले समर्थकों में शामिल था.
सिद्धारमैया और एस जयशंकर में ट्विटर वार
इस हफ्ते की शुरुआत में सिद्धारमैया ने कर्नाटक के आदिवासी समुदाय के 31 लोगों को गृहयुद्ध में फंसे सूडान से वापस लाने में सरकार की निष्क्रियता का आरोप लगाया, जिसके बाद सिद्धारमैया और विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच ट्विटर में जुबानी जंग भी छिड़ गई थी. सिद्धारमैया ने ट्वीट की एक श्रृंखला पोस्ट करते हुए दावा किया था कि ऐसी खबरें हैं कि कर्नाटक के 31 लोग जो हक्की पिक्की जनजाति के हैं, सूडान में फंसे हुए हैं. जहां गृहयुद्ध चल रहा है.
सरकार पर आरोप लगाते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि सूडान में इन जनजातियों के पास खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं है और सरकार ने अभी तक उन्हें वापस लाने के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की है. उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय से तुरंत हस्तक्षेप करने और भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
सिद्धारमैया के आरोपों पर एस जयशंकर ने तीखा पलटवार किया. जयशंकर ने अपने जवाब के ट्वीट में लिखा कि आपके ट्वीट से स्तब्ध हूं! जीवन दांव पर है. राजनीति मत कीजिए. 14 अप्रैल को लड़ाई शुरू होने के बाद से खार्तूम में भारतीय दूतावास सूडान में अधिकांश भारतीय नागरिकों और पीआईओ के साथ लगातार संपर्क में है.
कांग्रेस ने की जयशंकर की आलोचना
बुधवार को विपक्षी दल कांग्रेस ने भी जयशंकर की आलोचना की. इस मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि यह मदद की अपील पर भयानक प्रतिक्रिया थी. अधिकांश मंत्रियों के साथ समस्या यह है कि वे अपने मालिक और उनकी आवाज बनने के प्रति अपनी वफादारी साबित करने के लिए इतने उत्सुक हैं कि वे भूल गए हैं कि उन्होंने कुछ जिम्मेदारियों की शपथ ली है.