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Karnataka Election 2023: कर्नाटक में चुनाव संबंधी अपराधों में सजा की दर सबसे ज्यादा, चुनाव आयोग के अधिकारी ने दी अहम जानकारियां

Karnataka Elections: मनोज कुमार मीणा ने कहा कि करीब 2 हजार मामले दर्ज किए गए थे. सभी पर मुकदमा चला. सभी मामलों में फैसला हुआ. 50% से ज्यादा मामलों में सजा हमारे पक्ष में रही है. यह बड़ी संख्या है.

Karnataka Elections: कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में केवल 10 दिनों का समय बाकी है. इसी बीच राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार मीणा ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं. पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि कर्नाटक उन राज्यों में से एक है जहां आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन से संबंधित मामलों में सबसे ज्यादा (50% से अधिक) सजा हुई है. आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों पर चुनाव आयोग (ईसी) बारीकी से नजर रखता है, जिसकी वजह से ऐसा हुआ है.

2013 से 2019 के बीच के चुनावों से जुड़े हैं आरोप 

मनोज कुमार मीणा ने कहा कि पिछली बार करीब 2 हजार मामले दर्ज किए गए थे. सभी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया. सभी पर मुकदमा चलाया गया. सभी मामलों में फैसला हुआ. लेकिन, 50 फीसदी से ज्यादा मामलों में सजा हमारे पक्ष में रही है. यह एक बड़ी संख्या है. मैं अन्य राज्यों के बारे में नहीं जानता. लेकिन, ऐसा बहुत कम होता है कि चुनाव संबंधी मामलों में सजा हो रही हो. मीणा के मुताबिक, ये आरोप 2013 से 2019 के बीच हुए चुनावों से जुड़े हैं.

सावधानीपूर्वक दर्ज होते हैं मामले

क्या कर्नाटक ने अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है? इसके जवाब में मीणा ने कहा कि चुनाव आयोग और उनका कार्यालय मामलों का बहुत बारीकी से पालन करता है. उच्च सजा दर के बारे में विवरण देते हुए मीणा ने कहा कि मामलों को सावधानीपूर्वक दर्ज किया जाता है और लोगों को उनके संचालन पर प्रशिक्षण दिया जाता है. हम अपने लोगों को प्रशिक्षित करते हैं. स्टैटिक स्क्वाड टीमों और फ्लाइंग स्क्वाड टीमों को मजिस्ट्रियल पावर मिली हुई है. उनके पास तलाशी लेने और जब्त करने का पावर है. हमने उन्हें बताया है कि कैसे तलाशी लेना है? कैसे जब्त करना है? केस कैसे दर्ज करना है? अदालत के सामने कैसे पेश होना है? अदालत की अनुमति कैसे लेनी है?

चार महीने पहले शुरू हो गई थी कवायद

क्या कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान राज्य में भारी मात्रा में नकदी, कीमती आभूषण और उपहार जब्त किए गए हैं? इस पर मीणा ने कहा कि विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय के रूप में चुनाव की तारीखों की घोषणा से लगभग चार महीने पहले ही कवायद शुरू हो गई थी. एक मानक संचालन प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया था, जिसके कारण चुनाव घोषित होने के समय बुनियादी ढांचा पहले से ही मौजूद था.

चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों ने आयोग के राज्य के दौरे के लगभग तुरंत बाद ही सतर्कता गतिविधियां शुरू कर दी थीं. सब कुछ जगह में था. आधिकारिक मशीनरी इसे और अधिक पेशेवर तरीके से करने में सक्षम थी. जिसके बाद बड़ी मात्रा में नकदी, सोना, शराब और उपहार पकड़े गए.

मोबाइल ऐप से जनता का समर्थन

मीणा ने कहा कि हम सतर्क हैं. अगले कुछ दिन हमारे लिए काफी अहम होंगे. हम अपनी सीमाओं पर 100 प्रतिशत जांच कर रहे हैं. हम आंतरिक गतिविधियों पर भी नजर रख रहे हैं. हम स्थानीय स्तर पर भी खुफिया जानकारी जुटा रहे हैं. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि आयोग अपने मोबाइल एप्लिकेशन 'cVIGIL' के माध्यम से जनता का समर्थन मांग रहा है. काफी लोगों का समर्थन प्राप्त भी कर रहा है. इस ऐप के जरिये कोई भी तस्वीर ले सकता है या चुनाव संबंधी किसी भी बुरे व्यवहार के बारे में कोई भी जानकारी साझा कर सकता है.

कुल 292 करोड़ रुपये किये गए जब्त 

मीणा के कार्यालय की तरफ से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार (29 मार्च) को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से कुल 292.06 करोड़ रुपये जब्त किए गए. जिसमें 102.9 करोड़ रुपये नकद, 68.69 करोड़ रुपये की शराब और 76 करोड़ रुपये का 149.31 किलो सोना शामिल है. अभद्र भाषा के बारे में मीणा ने कहा कि चुनाव आयोग इस तरह के किसी भी घटनाक्रम को करीब से देख रहा है. फिलहाल, ऐसे पांच मामले दर्ज किए हैं. हम टेलीविजन, सोशल मीडिया और यहां तक कि अखबार भी देख रहे हैं. हमारे पास जिला के साथ-साथ प्रत्येक स्तर पर एक डेडिकेटेड टीम है.

मीडिया पर नजर

इसके अलावा, मीडिया पर चौबीसों घंटे और सातों दिन नजर रखने के लिए हमारे पास एक डेडिकेटेड कंट्रोल रूम है. ऐसा नहीं है कि रात 9 बजे के बाद हम कुछ नहीं देख रहे. हम पूरा देख रहे हैं और इसको लेकर अलर्ट भी देंगे. यह कार्य भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के स्तर पर भी किया जाता है. मतदान के दौरान शहरी निरपेक्षता से निपटने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि विभिन्न उपाय किए गए हैं. जैसे उन हिस्सों की पहचान करना, जहां मतदान प्रतिशत कम है वहां के निवासियों के साथ बैठकें करना और उनमें जागरूकता पैदा करना शामिल हैं.

'चुनावना' देगा सारी जानकारी

मीणा ने बताया कि चुनाव आयोग ने 'चुनावना' मोबाइल एप्लिकेशन को भी फिर से शुरू किया है. जो 'नाम, मतदान केंद्र, वहां कैसे पहुंचे और कितने लोग कतार में खड़े हैं' इसके बारे में विवरण देगा. हर 15 मिनट में डेटा को चुनावाना ऐप में अपडेट किया जाएगा. यदि आप अपना बूथ जानते हैं और आवेदन में अपना बूथ नंबर व विधानसभा क्षेत्र दर्ज करते हैं तो यह आपको बताएगा कि कितने लोग कतार में खड़े हैं. बता दें कि लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने की इस पहल में 5 जनवरी के बाद से लगभग 16 लाख नए मतदाता जोड़े गए हैं.

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