Karnataka Assembly Elections voting trends: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का ऐलान किया जा चुका है. सभी पार्टियां चुनाव को लेकर अपनी-अपनी रणनीति तैयार करने में लगी हैं. बीजेपी को छोड़ दें तो कांग्रेस और जेडीएस ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. कर्नाटक राज्य में अब तक हुए 14 विधानसभा चुनावों के ट्रेंड को समझें तो ये पता लगता है कि सूबे में हरेक पांच साल के अंतराल के बाद सत्ता में उलट फेर होता रहा है. साथ ही इतने वर्षों से हो रहे चुनाव में वोटिंग प्रतिशत को देखा जाए तो वोटिंग फीसदी कम या ज्यादा होने से राज्य के चुनाव नतीजे पर असर होता आया है. इसी क्रम में आइए देखते हैं कि किन- किन वर्षो में कितनी वोटिंग दर्ज करी गई.


यहां सत्ता वापसी करने की संभावना है कम


यह चुनाव 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक और टकराव के लिए मंच तैयार करेगा. कर्नाटक एकमात्र दक्षिणी राज्य है जहां बीजेपी सत्ता में रही है, और यह 2018 के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामन आई थी. जिसने 224 सदस्यीय विधायिका में 104 सीटें हासिल की थीं. इसके विपरीत, कांग्रेस को 80 सीटें मिलीं, जबकि जनता दल (सेक्युलर) को 37 सीटें मिलीं थी. 


कर्नाटक चुनाव के पिछले कुछ वर्षो के रुझान से पता चलता है कि वोटिंग में अधिक या कम प्रतिशत के बावजूद यहां की सत्ता में दोबारा वापसी करने की संभावना कम रहती है. फिर चाहे चुनावों में ज्यादा मतदान हुआ हो या कम, ये कभी सत्ता के समर्थन के लहर के साथ नहीं रही है. हालांकि पिछले 8 विधानसभा चुनावों की बात करें तो राज्य में मतदान फीसदी में बढ़ोतरी देखी गई है.


2008 से अब तक कितनी हुई वोटिंग


कर्नाटक के आजतक के चुनावी आंकड़ों से पता चलाता है कि यहां सत्तापक्ष केवल एक बार ही पांच साल का कार्यकाल हासिल करने में कामयाब रहा है. इसी में अगर पिछले तीन चुनावों के नतीजे को देखें तो मौजूदा सत्ता पक्ष केवल साल 2008 में ही जीत हासिल करने में सफल रहा है, जहां वोटिंग में कुछ फीसदी की कमी हुई थी. 2008 के विधानसभा चुनाव नतीजे में कुल 64.84 प्रतिसत की वोटिंग हुई थी, जिसमें बीजापुर शहर सीट पर सबसे कम वोटिंग प्रतिशत-45.34 दर्ज की गई थी, वहीं राज्य के हरपनहल्ली सीट पर 80.73 फिसदी मतदान किए गए थे.


2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में राज्य में सबसे अधिक 72.1 फीसदी मतदान हुआ था. राज्य की राजधानी बेंगलुरु के बाहरी इलाके में स्थित होसकोटे निर्वाचन क्षेत्र में सबसे ज्यादा 90.33 फीसदी की वोटिंग हुई थी.


वहीं चुनाव में सबसे कम वोटिंग दसरहल्ली सीट पर हुई थी जो 48.08 प्रतिशत रही. साल 2013 के चुनाव में मतदान प्रतिशत देखें तो कर्नाटक विधानसभा में कुल 71.45 % वोटिंग हुई थी. जहां गुलबर्गा उत्तर में सबसे कम वोट प्रतिशत 50.23 थी, वहीं श्रीनिवासपुर सीट पर सबसे ज्यादा 88.47 फिसदी की वोटिंग दर्ज की गई थी. 


कर्नाटक राज्य में विधानसभा चुनाव प्रतिसत में हर साल कुछ ना कुछ बढ़ोतरी देखा गया है. जो एक तरह से भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए सकारात्मक पहल है. 


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