Karnataka Elections: कोलार में राहुल गांधी की जनसभा स्थगित, 25 सीटों को लेकर सिद्धारमैया-शिवकुमार के बीच खींचतान
Karnataka: पार्टी नेताओं के मुताबिक, करीब 25 सीटों के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बीच तेज खींचतान इसका कारण है.
Rahul Gandhi Rally Delayed in Kolar: कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कोलार में होने वाली बहुप्रतीक्षित जनसभा को एक बार फिर से स्थगित कर दिया गया है. बता दें कि इसी जगह पर उन्होंने साल 2019 में 'मोदी सरनेम' को लेकर विवादित बयान दिया था, जो सांसद के रूप में उनकी अयोग्यता का कारण बना था. हालांकि, कांग्रेस को साफ तौर पर कोलार में राहुल की सभा कर राजनीतिक संदेश देने की उम्मीद थी. बताया जा रहा है कि दूसरी बार जनसभा स्थगित होने के कारण जनता पर प्रभाव कुछ हद तक कम हो सकता है, जो पहले 9 से 10 अप्रैल तक और अब 16 अप्रैल तक इस जनसभा को लेकर बना हुआ था.
दो सीटों से लड़ने पर जायेगा गलत संदेश
पार्टी नेताओं के मुताबिक, करीब 25 सीटों के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार के बीच तेज खींचतान इसका कारण है. हालांकि, राहुल के दौरे से पहले कांग्रेस को अपना घर पूरी तरह से व्यवस्थित होने की उम्मीद है.
वहीं, इसका दूसरा कारण ये भी है कि पार्टी नेतृत्व ने अभी तक सिद्धारमैया को कोलार से चुनाव लड़ने को लेकर फैसला नहीं किया है. जबकि वरुणा से पहले ही नामित किए जा चुके सिद्धारमैया ने कहा है कि वह दो सीटों से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. लेकिन, कांग्रेस को चिंता है कि इससे सही संदेश नहीं जाएगा.
इन 25 सीटों पर आमने-सामने हैं सिद्धारमैया और शिवकुमार
एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, जिन 25 सीटों पर सिद्धारमैया और शिवकुमार पक्ष आमने-सामने हैं, उनमें मैंगलोर नॉर्थ, सिडलघट्टा, सिंधनूर और अर्सीकेरे शामिल हैं. वरिष्ठ नेता ने कहा कि 'राहुल कैसे जा सकते हैं जब पार्टी को अभी यह तय करना है कि सिद्धारमैया को कोलार से चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं? इसके अलावा, चूंकि कुछ सीटों पर मजबूत असहमति है, इसलिए सवाल भी होंगे. हम नहीं चाहते कि हमारे मुख्य मुद्दों, मतदाताओं के लिए हमारी गारंटी और सरकार के खिलाफ हमले की 40% कमीशन लाइन से ध्यान हटे'.
वरुणा से जीतने को लेकर आश्वस्त नहीं सिद्धारमैया
साल 2018 के चुनाव में सिद्धारमैया ने वरुणा की अपनी पारंपरिक सीट अपने बेटे के लिए छोड़ दी थी, जिन्होंने वहां से जीत हासिल की थी और अब उन्हें अपने पिता के लिए रास्ता बनाना है. सिद्धारमैया ने तब जिन दो सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से वह चामुंडेश्वरी से हार गए थे और बादामी से जीत गए थे.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस को डर है कि सिद्धारमैया का फिर से दो सीटों से चुनाव लड़ना यह संकेत दे सकता है कि वह वरुणा से जीतने के लिए आश्वस्त नहीं हैं और उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्रों से भी बांध कर रख सकते हैं. यकीनन, कांग्रेस का सबसे लोकप्रिय चेहरा सिद्धारमैया है, मगर पार्टी चाहती है कि वो पूरे राज्य में उसके स्टार प्रचारक हों. हालांकि, सिद्धारमैया के करीबी यह कहते हुए इस विवाद को खारिज करते हैं कि वह वरुणा को लेकर बिल्कुल भी घबराए हुए नहीं हैं. शनिवार को एक मीडिया वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में सिद्धारमैया ने कहा कि पार्टी के नेता चाहते थे कि वह कोलार से चुनाव लड़ें, क्योंकि इससे पूरे क्षेत्र में कांग्रेस की संभावनाओं में सुधार होगा.
25 सीटों पर अड़े हैं सिद्धारमैया और शिवकुमार
कांग्रेस ने अब तक 10 मई के चुनावों के लिए 224 सीटों में से 166 के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है और लगभग 58 को छोड़ दिया है, जहां कई दावेदार हैं. सूत्रों का कहना है कि इन 58 में से 25 सीटों को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार गुटों के बीच समझौता करना विशेष रूप से कठिन साबित हो रहा है. जहां कांग्रेस की पहली सूची में ऐसी सीटें शामिल थीं, जिसमें कमोबेश सभी सहमत थे. वहीं, दूसरी सूची में सिद्धारमैया को अपना रास्ता दिखाया गया था. मतभेदों के बारे में बात करते हुए एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि 'हम बीजेपी की सूची का इंतजार कर रहे हैं, एक या दो नेता बदल सकते हैं. लेकिन करीब 25 सीटों पर दोनों (सिद्धारमैया और शिवकुमार) अड़े हुए हैं. वे चाहते हैं कि उनके लोगों को टिकट मिले'. हालांकि, नेता ने कहा कि ये विवाद किसी बड़े नाम को लेकर नहीं है.