UP CM Yogi In Karnataka: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ गई है, ऐसे में राज्य में चुनाव-प्रचार का दौर काफी तेज हो गया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बुधवार (26 अप्रैल) को कर्नाटक में बीजेपी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने उतरे. योगी आदित्यनाथ ने मैसूर पहुंचकर मांड्या जिले में रोड शो और चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया. इसके बाद वह दोपहर को विजयपुरा जिला में बसवेश्वर मंदिर का दर्शन करने पहुंचे और बसवना बागवाड़ी में चुनाव प्रचार किया.
कांग्रेस तुष्टिकरण करने का काम करती है
योगी आदित्यनाथ कर्नाटक ने बुधवार को अपनी पहली चुनावी रैली में बीजेपी के स्टार प्रचारक के रूप में हिस्सा लिया. उन्होंने अपने भाषण में राज्य की डबल इंजन सरकार के काम की सराहना करते हुए कहा कि पीएफआई जैसे संगठनों को बैन करके उसकी कमर तोड़ने का काम किया है. उन्होंने कहा कि एक तरफ बीजेपी की सरकार पीएफआई को बैन करती है तो दूसरी ओर कांग्रेस तुष्टिकरण का काम करती है.
यूपी के सीएम ने धर्म आधारित आरक्षण को लेकर भी कांग्रेस पर हमला किया. योगी ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण भारत के संविधान के विपरीत है, यह असंवैधानीक है. उन्होंने इस पर कहा कि हमने आर्थिक रूप से गरीबों, अनुसूचित जाति और जनजाति, दिव्यांगजनों के आरक्षण के दायरे को बढ़ाया है. धर्म के आधार पर भारत आरक्षण की वकालत नहीं कर सकता है.
देश एक और विभाजन के लिए तैयार नहीं
योगी ने आजादी के समय की बात करते हुए कहा कि भारत को 1947 में धार्मिक आधार पर विभाजित किया गया था. देश धर्म आधारित आरक्षण का समर्थन नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि देश एक और विभाजन के लिए तैयार नहीं हैं. सीएम ने जोर देकर कहा कि एक भारत और श्रेष्ट भारत की परिकल्पना ही देश को आगे बढ़ाएगी.
उन्होंने यह भी दावा किया कि मजबूत "डबल इंजन सरकार" के कारण पिछले छह वर्षों में उत्तर प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ. सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस विकास की बात करती है लेकिन हकीकत यह है कि जिन 5 साल की योजनाओं की वे घोषणा करते थे, वह योजना की अवधि समाप्त होने के बाद ही हकीकत बन जाती थी और जल्द ही खत्म हो जाती थी. पीएम मोदी जब किसी योजना की नींव रखते हैं तो उसका उद्घाटन भी करते हैं.
इसलिए आरक्षण को बदलने का फैसला किया
बीजेपी नेता योगी आदित्यनाथ ने मांड्या की रैली में कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग की 2बी श्रेणी के तहत मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रा्वधान था, जिसे कर्नाटक में बीजेपी सरकार ने अपने कार्यकाल में खत्म कर दिया क्योंकि धर्म आधारित कोटा का कोई संवैधानिक समर्थन नहीं है.
इसके बाद, कर्नाटक सरकार ने चार प्रतिशत आरक्षण को दो बराबर भागों में विभाजित कर दिया और राज्य के दो प्रमुख समुदायों, 2सी में वोक्कालिगा और 2डी श्रेणी में लिंगायतों के लिए प्रत्येक में दो प्रतिशत कोटा बढ़ा दिया. इसके बाद से वोक्कालिगाओं का आरक्षण चार प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत और लिंगायतों का पांच प्रतिशत से सात प्रतिशत हो गया. उन्होंने कहा, 'बीजेपी कभी तुष्टिकरण में विश्वास नहीं करती, इसलिए आरक्षण को बदलने का फैसला किया.