Karnataka Elections: कर्नाटक के चुनाव से पहले एक अनसुना किस्सा सामने आया है, जो शिवा राजकुमार और उनके पिता राजकुमार से जुड़ा है. राजकुमार एक अभिनेता थे और उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग थी. मगर, उन्होंने मरते दम तक राजनीति में आने से मना किया था. वहीं, उनके बेटे और अभिनेता शिवा राजकुमार इस बार के चुनाव में कांग्रेस का प्रचार करते दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कर्नाटक चुनाव खत्म होते ही शिवा राजकुमार कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे? क्या उन्होंने अपने पिता राजकुमार के 'नो पॉलिटिक्स' नियम को तोड़ा है? आइये विस्तार से जानते हैं इन सबके बारे में.
राजनीति में शामिल नहीं हुए थे राजकुमार
साल 1980 के दौर की शुरुआत में अभिनेता राजकुमार की लोकप्रियता चरम पर थी. इस दौरान गोकक आंदोलन का नेतृत्व करते हुए उन्होंने कन्नड़ की प्रधानता की मांग की, जिसके बाद सार्वजनिक जीवन के सभी क्षेत्रों में उन्हें एक देवता रूप में देखा जाने लगा था. उन पर अपने दोस्तों और पड़ोसी राज्यों (तमिलनाडु में एमजीआर और आंध्र प्रदेश में एनटीआर) के सुपरस्टार्स के मॉडल को फॉलो करने का जबरदस्त दबाव था. लेकिन, राजकुमार ने इस दबाव को झेला और राजनीति में शामिल होने के अवसर को अस्वीकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह दलगत राजनीति से ऊपर हैं और उनके प्रशंसक हर क्षेत्र से हैं.
इंदिरा गांधी ने की कोशिश, कांग्रेस ऑफिस से लौटे
उस समय पीएम इंदिरा गांधी ने भी राजकुमार को राजनीति में शामिल करने की बहुत कोशिश की थी. लेकिन, उसमें वो कामयाब नहीं हो पाईं. भगवान, उनके करीबी दोस्त और उनकी कई फिल्मों के निर्देशक के अनुसार, जब राजकुमार नई दिल्ली गए थे तो उन्होंने महसूस किया कि वह कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय में थे. इस पर उन्होंने नेताओं से मिलने से इनकार कर दिया और वापस घर लौट आए. इस बात से उनके कुछ प्रशंसक पूरी तरह से निराश हुए. लेकिन, सब कुछ जानने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली.
फिर उड़ीं थी राजनीति में आने की खबरें
कुछ साल बाद उनके सबसे बड़े बेटे और अभिनेता शिवा राजकुमार ने कर्नाटक की राजनीति के दिग्गज एस बंगारप्पा की बेटी गीता से शादी की. इस दौरान एक बार फिर राजकुमार के राजनीति में आने की खबरें उड़ने लगी थीं. लेकिन, राजकुमार अपने वादे पर कायम रहे और मरते दम तक राजनीति से दूर रहे. 16 साल पहले राजकुमार का निधन हो चुका है.
राज्य भर में कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे शिवा राजकुमार
इस बार के विधानसभा चुनाव में शिवा राजकुमार राज्य भर में कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे हैं. शिवा राजकुमार, वर्तमान में प्रसिद्ध राजकुमार परिवार के मुखिया हैं और अपने पिता की विरासत के उत्तराधिकारी हैं. उनकी पत्नी गीता हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुईं और डीके शिवकुमार के पैर छूकर विवाद खड़ा कर दिया. राजकुमार के प्रशंसकों ने इसे अपने आदर्श का अपमान बताया है. गीता के दो भाई मधु और कुमार हैं. ये इस बार भी शिमोगा जिले में पारिवारिक सीट सोराबा में एक-दूसरे का सामना कर रहे हैं. साल 2008-2013 को छोड़कर ये निर्वाचन क्षेत्र साल 1967 से इस परिवार के पास है.
प्रचार पर बीजेपी नेता को आपत्ति
शिवा राजकुमार पहले ही कांग्रेस के लिए शिमोगा जिले में बड़े पैमाने पर प्रचार कर चुके हैं. बीते गुरुवार (4 मई) को शिवा राजकुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ मैसूर जिले के वरुणा में वोट मांगा था. इस पर आपत्ति जताते हुए मैसूर-कोडागु के बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा ने कहा कि राजकुमार सभी कन्नडिगा लोगों के लिए एक सम्मानित व्यक्ति हैं. उनका परिवार दलगत राजनीति से ऊपर था. शिवराजकुमार अब कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे हैं. यह सही नहीं है. हमें उनकी पत्नी गीता के कांग्रेस के लिए प्रचार करने पर कोई आपत्ति नहीं है. क्योंकि वह बंगारप्पा की बेटी हैं'.
शिवा राजकुमार ने किया बचाव
कांग्रेस के लिए प्रचार करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए शिवा राजकुमार ने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हुए हैं और अपने दम पर प्रचार कर रहे हैं. चुनाव प्रचार के दौरान, वह राजनीति के बारे में बात करने से दूर रहते हैं और केवल मतदाताओं से किसी विशेष उम्मीदवार को चुनने का अनुरोध करते हैं. उन्होंने शुक्रवार (5 मई) की सुबह शिमोगा में कहा कि 'मैं एक लड़का नहीं हूं. मैं 61 साल का हूं. मेरी उम्र का कुछ सम्मान है. मुझे कांग्रेस के लिए प्रचार करने के लिए किसी को प्रभावित करने की जरूरत नहीं है'.
बता दें कि उनकी पत्नी गीता ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में शिमोगा से जेडीएस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ गीता तीसरे स्थान पर रही थीं. शिवा राजकुमार के सबसे छोटे भाई और कन्नड़ सुपरस्टार पुनीत राजकुमार पर भी राजनीति में शामिल होने का काफी दबाव था. लेकिन, उन्होंने खुद को सत्ता के मोह से दूर रखा था. साल 2021 में उनका निधन हो गया था.
शिवा राजकुमार का क्या है माहौल?
राज्य के चुनाव में कांग्रेस के लिए शिवा राजकुमार को वोट मिल भी सकते हैं और नहीं भी. लेकिन, वह हर जगह भारी भीड़ खींच रहे हैं. ज्यादातर लोग राजकुमार के लिए अपने प्यार की वजह से शिवा राजकुमार को देखने आते हैं. साल 2006 में राजकुमार के निधन के बाद से उनके परिवार में भी काफी बदलाव आए हैं.