Karnataka Elections: कर्नाटक चुनाव में हुई वोटिंग के बाद दस एजेंसियों के एग्जिट पोल भी जारी हुए थे. जिसमें से चार एग्जिट पोल ने कांग्रेस के जीतने और चार पोल ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के आसार जताए हैं. पोल ऑफ पोल्स औसत के अनुसार, कांग्रेस को 109, बीजेपी को 91 और जेडीएस को 23 सीटें मिल रही हैं. अब सवाल है कि यदि कर्नाटक में कांग्रेस जीत जाती है और पूर्ण बहुमत से सरकार बना लेती है तो पार्टी की तरफ से सीएम पद का दावेदार कौन होगा? हालांकि, इस रेस में सिद्धारमैया समेत कई दिग्गजों के नाम शामिल हैं, जिनके बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे.


सिद्धारमैया


कर्नाटक में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता सिद्धारमैया को फिर से सीएम पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. मैसूरु जिले के सिद्धारमनहुंडी से ताल्लुक रखने वाले सिद्धारमैया साल 2013-2018 तक राज्य के सीएम रहे हैं. इस बार कांग्रेस को 113 सीटों का बहुमत मिलता है तो वो पार्टी की पहली पसंद हो सकते हैं. राहुल गांधी के करीबी सिद्धारमैया ने कांग्रेस हाईकमान का विश्वास भी जीत रखा है.


2018 के चुनाव में जब सीएम के रूप में सिद्धारमैया ने कैंपेन की कमान खुद संभाली थी, तो उस समय कांग्रेस को हार मिली थी. पार्टी को 122 सीटों में से सिर्फ 80 सीटें ही मिली थी. फिर भी गांधी परिवार और खासकर राहुल गांधी का मानना ​​है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में कर्नाटक में पीएम नरेंद्र मोदी को टक्कर देने और कांग्रेस की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए सिद्धारमैया सबसे बड़ा दांव होंगे.


सिद्धारमैया की 76 वर्ष की उम्र और पिछली सरकार के दौरान लिए गए कुछ फैसलों ने उन्हें लिंगायत और विशेष रूप से हिंदू वोटरों के बीच में कम लोकप्रिय कर दिया है. जिसमें टीपू सुल्तान को इतिहास से हटाकर उनका महिमामंडन करना, जेल से आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे पीएफआई और एसडीपीआई के कई कार्यकर्ताओं को रिहा करना आदि शामिल हैं.


डीके शिवकुमार


कनकपुरा सीट से लगातार 8 बार के विधायक, पार्टी के तारणहार और कांग्रेस में सबसे धनवान राजनेता डीके शिवकुमार की उपस्थिति भी काफी जोरदार है. शिवकुमार काफी लंबे समय से सीएम बनने का सपना देख रहे हैं. लेकिन, हर बार उनके हाथ से मौका निकल गया था. 2018 के चुनाव में भी वो चूक गए थे. इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्टी को फंड्स की भी जरूरत पड़ेगी. ऐसे में शिवकुमार एक निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं.


शिवकुमार सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग की जांच के दायरे में भी हैं. 104 दिन जेल में बिताने के बाद वो जमानत पर हैं. उन पर कई मामले लंबित हैं. उधर, संभावनाएं हैं कि केंद्र सरकार पार्टी को शर्मिंदा करने के लिए लंबित मामलों की जांच और कार्रवाई में तेजी ला सकती है. खैर देखना ये होगा कि क्या कांग्रेस उन पर दांव खेलेगी या नहीं.


दावेदारों में ये नाम भी शामिल


वहीं, त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति होने पर अन्य आश्चर्यजनक दावेदार हो सकते हैं. एक समय सीएम पद के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम काफी चर्चा में रहा था. इसके अलावा, एमबी पाटिल और जी परमेश्वर भी लिस्ट में शामिल हैं.


खरगे ने जनसभा में कही थी ये बात


कोलार की एक जनसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने सार्वजानिक तौर पर कहा था कि, 'सबको ये बात साफ कर देना चाहता हूं कि मैं इस बात को लेकर जरा भी परेशान नहीं हूं कि सीएम कौन बनेगा. मेरी एक ही चिंता है कि कांग्रेस को सत्ता में वापस आना चाहिए, जिससे इंदिरा कैंटीन, छात्रों को पढ़ने के लिए मुफ्त किताबें और जनता के बीच लोकप्रिय अन्य योजनाएं फिर से शुरू की जा सकें. सीएम का चुनाव आलाकमान और विधायकों के फैसले से होता है. आप सिर्फ जनता के बारे में सोचें और बाकी फैसले आलाकमान पर छोड़ दें'.


तीन बार सीएम बनने से चूके खरगे 


कर्नाटक के सीएम बनने को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे तीन बार चूके थे. साल 1999 में पहली बार जब कांग्रेस हाईकमान ने एसएम कृष्णा को सीएम बनाया था. दूसरी बार किंगमेकर और जेडीएस के अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा ने कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार के नेतृत्व के लिए खरगे से पहले धरम सिंह को चुना था. साल 2013 में तीसरी बार खरगे तब चूके थे, जब सिद्धारमैया ने विधायकों को अपने पक्ष में करते हुए उन्हें शिकस्त दे दी थी.


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