Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस, जेडीएस और बीजेपी (Congress, JDS and BJP Party) चुनाव जीतने के लिए तरह- तरह के पैंतरे अपना रही हैं. इसी दौरान कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने एक इंटरव्यू में कहा कि बीजेपी के कई सांसद चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में शामिल हो रहें हैं. साथ ही सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने ये भी कहा कि जब उनके पार्टी के सांसद विश्वास नहीं कर रहे तो जनता कैसे कर सकती है. 


सिद्धारमैया ने इंटरव्यू में क्या कहा? 


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सिद्धारमैया ने कहा कि हमारी पार्टी ने 2018 तक कर्नाटक की सत्ता संभाली है और हमेशा ही बीजेपी से ज्यादा वोट प्रतिशत रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी 2023 विधानसभा चुनाव जीतती है, तो आगामी लोकसभा चुनाव में हमारी पार्टी को टॉनिक का काम करेगी. सिद्धारमैया इंटरव्यू में बीजेपी सरकार के नीतियों और कार्य करने की शैली पर हमला बोला था.


उन्होंने कहा कि कर्नाटक के इतिहास में और अपने 40 साल के राजनीतिक करियर में ऐसी भ्रष्ट सरकार नहीं देखी. कर्नाटक स्टेट कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन और सरकारी और गैर सरकारी एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज की है कि हर काम के लिए रिश्वत मांगी जाती है. तो आप जान गए होंगे कि बीजेपी सरकार के प्रति जनता में कितना असंतोष है. कर्नाटक में लोगों के विश्वास के अनुरूप बसवराज बोम्मई की सरकार काम नहीं कर पाई है.


सिद्धारमैया ने कहा कि हमारी सरकार इस बार जरूर सत्ता में आएगी क्योंकि बीजेपी का हर बार ऑपरेशन कमल सफल नहीं होगा. गौरतलब है कि बीजेपी ने साल 2008 में ऑपरेशन कमल के जरिये सत्ता हासिल की. बीजेपी 2013 तक सत्ता में रही. उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जनता को कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन की याद आ रही है.


कांग्रेस ने 5 सालों में 15 लाख बेघर लोगों को घर दिया. वहीं बीजेपी सरकार ने अब तक किसी को घर नहीं दिया है. सिद्धारमैया ने साल 2018 में सरकार गिरने का मुख्य कारण लिंगायत आंदोलन को बताया.


इंटरव्यू में सिद्धारमैया ने बताया कि कांग्रेस जेडीएस गठबंधन ने जगमोहन कमेटी का गठन किया था. इसके तहत एससी/एसटी आरक्षण वृद्धि की रिपोर्ट 2020 में ही दे दी गई थी, लेकिन बीजेपी सरकार अब तक सोई थी. अब चुनाव आया तो उसे याद आया है. इंटरव्यू में सिद्धारमैया से पूछा गया कि कर्नाटक में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत को पार कर रही है तो क्या संविधान में संशोधन होने वाला है. इस पर सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य सरकार ने नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए चार- पांच महीने पहले इसे भेजा था लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. सिद्धारमैया ने कहा मुस्लिम आरक्षण खत्म करके वोक्कालिंगा और लिंगायत समुदाय को देने की क्या जरूरत थी. सुप्रीम कोर्ट ने धर्म के आधार पर आरक्षण दिया है, तो सरकार को आरक्षण खत्म करने की क्या आवश्यकता थी. 


बीजेपी पर क्यों हमला बोले सिद्धारमैया?


इंटरव्यू के दौरान सिद्धारमैया ने कहा कि बीजेपी अब तक अपने उम्मीदवारों की सूची क्यों नहीं जारी की है. जबकि हमारी पार्टी दो लिस्ट जारी कर चुकी है. पहली लिस्ट में 124 उम्मीदवार और दूसरी लिस्ट में 42 उम्मीदवारों की सूची जारी हुई है. अब कांग्रेस को सिर्फ 50 उम्मीदवारों की सूची और जारी करनी है.  


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