Karnataka Election 2023: चुनाव लड़ने के लिए तैयार येदियुरप्पा के बेटे, जानिए कौन हैं बी वाई विजयेंद्र
Karnataka: विजयेंद्र शिकारीपुरा के अपने शिवमोग्गा परिवार के गढ़ से राजनीतिक पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं. येदियुरप्पा का मानना है कि उनके बेटे विजयेंद्र को शिकारीपुरा से चुनाव लड़ना चाहिए.
B Y Vijayendra on Karnataka Elections: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के चलते सभी राजनीतिक दलों में सरगर्मियां बढ़ चुकी हैं. सत्ता पाने की लालसा लिए पार्टियां जीतोड़ मेहनत कर रही हैं. इसी बीच कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र के कर्नाटक विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं जोरों पर हैं. बताया जा रहा है कि विजयेंद्र शिकारीपुरा के अपने शिवमोग्गा परिवार के गढ़ से राजनीतिक पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं. पिछले साल जुलाई में येदियुरप्पा ने खुद ही कहा था कि उनका बेटा जहां से चुनाव लड़ने के लिए चुना जाता है, वहां से वो जीतने की ताकत रखता है.
सात बार शिकारीपुरा विजयी हुए येदियुरप्पा
हाल ही में चुनावी राजनीति से संन्यास लेने वाले येदियुरप्पा साल 1983 से सात बार शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र से विजयी हुए हैं. इस साल के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वो बीजेपी के चुनाव अभियान की अगुवाई भी कर रहे हैं. उनका मानना है कि उनके बेटे विजयेंद्र को शिकारीपुरा से चुनाव लड़ना चाहिए. अगर घरेलू मैदान से बी वाई विजयेंद्र को चुनाव लड़ने के लिए चुना जाता है तो उनसे येदियुरप्पा के जैसे सफलता की उम्मीद की जाएगी. हालांकि, येदियुरप्पा का भी मानना है कि उनका बेटा जहां से चुनाव लड़ेगा, वो वहां से जीतकर दिखाएगा.
कौन है बी वाई विजयेंद्र?
अब सवाल उठता है कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा का बेटा होने के अलावा बी वाई विजयेंद्र आखिर कौन हैं? राजनीति में इनका आगमन कैसे हुआ? तो इनके बारे में जानकारी हम आपको देते हैं. दरअसल, विजयेंद्र ने शुरुआत में वकालत की. इसके बाद राजनीति में उनकी एंट्री भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) नामक पार्टी से हुई, जहां उन्होंने पार्टी की युवा शाखा के महासचिव के रूप में बीजेपी की सेवा शुरू की. इसके तुरंत बाद, साल 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के करीब आते ही बीजेपी के भीतर से सुगबुगाहट शुरू हुई और मैसूर के वरुणा निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के दिग्गज सिद्धारमैया के अपोजिट विजयेंद्र को लड़वाने की कुछ लोगों ने मांग की. लेकिन, उन्हें टिकट नहीं दिया गया.
बीजेपी की पहली जीत में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
कहा जाता है कि जब सिद्धारमैया ने अपने बेटे एस यतींद्र के कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए अपनी सीट खाली कर दी थी, तब विजयेंद्र भी साल 2018 में बीजेपी के टिकट पर वरुणा से चुनाव लड़ना चाहते थे. हालंकि दो साल बाद विजयेंद्र को बीजेपी कर्नाटक उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया. साल 2019 और 2020 के उपचुनावों में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसमें के आर पेट और सिरा विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी ने पहली जीत हासिल की थी, जिसका श्रेय विजयेंद्र को दिया जाता है.
विजयेंद्र को लगा झटका
इसके बाद विजयेंद्र को एक और तरह का झटका तब लगा था, जब कर्नाटक विधान परिषद की सात सीटों के लिए जून, 2022 के दोवर्षीय चुनावों में उन्हें मैदान में उतारने की राज्य इकाई की सिफारिश को नजरअंदाज करते हुए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने विजयेंद्र को टिकट देने से इनकार कर दिया. इस साल विजयेंद्र के मैसूर में वरुण निर्वाचन क्षेत्र में सिद्धारमैया के खिलाफ चुनाव लड़ने की चर्चा हुई थी. लेकिन, उन अटकलों को खारिज कर दिया गया था.
इसी दौरान येदियुरप्पा ने कहा था कि किसी भी कारण से विजयेंद्र के वरुणा से चुनाव लड़ने का कोई सवाल ही नहीं है और वह शिवमोग्गा जिले में मेरे निर्वाचन क्षेत्र (शिकारीपुरा) से चुनाव लड़ेंगे. वहीं, विजयेंद्र पहले कह चुके हैं कि वह पार्टी आलाकमान के फैसले का सम्मान करेंगे. वर्तमान में युवा नेता विजयेंद्र कर्नाटक चुनाव से पहले सभी निर्वाचन क्षेत्रों में सम्मेलनों के आयोजन के लिए समिति का नेतृत्व कर रहे हैं. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 10 मई को होने हैं और वोटों की गिनती 13 मई को होगी. बता दें कि येदियुरप्पा का एक और बेटा बी वाई राघवेंद्र है. वह शिवमोग्गा लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं.
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