Karnataka Elections: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वोटिंग का काउंट डाउन शुरू हो चुका है. राज्य में बुधवार (10 मई) को सुबह सात बजे से एक चरण में वोटिंग शुरू हो जाएगी. इसके परिणाम शनिवार (13 मई) को घोषित किये जाएंगे. इससे पहले सोमवार (8 मई) को चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों का प्रचार अभियान समाप्त हो चुका है. कर्नाटक की सत्‍ता में काबिज होने के लिए बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस कड़ी मशक्कत में जुटी है. लेकिन, मुख्य लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच मानी जा रही है. कुल मिलाकर राज्य में आज वोटिंग होगी. वोट करने के लिए कौन से डॉक्यूमेंट जरूरी है? मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए क्या सुविधाएं होंगी? इन सबकी विस्तृत जानकारी हम आपके साथ साझा करेंगे.


वोटिंग के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
- आधार कार्ड
- मनरेगा जॉब कार्ड
- बैंक या डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक
- श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पैन कार्ड
- एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड
- भारतीय पासपोर्ट
- फोटोग्राफ के साथ पेंशन दस्तावेज
- केंद्रीय/राज्य सरकार/पीएसयू/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र
- सांसदों/विधायकों/एमएलसी को जारी आधिकारिक पहचान पत्र
- विशिष्ट विकलांगता आईडी (यूडीआईडी) कार्ड, एम/ओ सामाजिक न्याय और अधिकारिता, भारत सरकार


वोटरों के लिए सुविधाएं
चुनाव आयोग ने कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को जो निर्देश दिए हैं, उसके मुताबिक, प्रत्येक मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर होगा. मतदान केंद्र भवन तक जाने के लिए अच्छी पहुंच वाली सड़क होगी. पीने का पानी और प्रतीक्षा जैसी सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं (एएमएफ) से लैस रहेगा. छायादार शेड, पानी की सुविधा के साथ शौचालय, रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था, पीडब्ल्यूडी मतदाताओं के लिए उचित ढाल का रैंप और एक मानक मतदान कक्ष होगा. हर मतदान केंद्र पर स्थायी रैंप और स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर भी रहेगा.


कर्नाटक के मतदाता
फिलहाल, कर्नाटक में 5.31 करोड़ मतदाता हैं. इनमें 2.67 करोड़ पुरुष जबकि 2.64 करोड़ महिला मतदाता हैं. 100 वर्ष से अधिक आयु के 16,976 मतदाता है. थर्ड जेंडर के 4,699  मतदाता हैं. पहली बार वोट डालने वाले 9.17 लाख मतदाता है. विकलांग मतदाताओं की संख्या 5.55 लाख हैं.  इसके अलावा, राज्य की 224 विधानसभा में से 36 आदिवासी और 15 दलित समुदाय के लिए आरक्षित सीटें हैं. कर्नाटक में पहली बार 12.15 लाख 80 वर्ष से अधिक और 5.55 लाख बेंचमार्क पीडब्ल्यूडी मतदाताओं के लिए घरेलू मतदान की सुविधा होगी.


कर्नाटक के विधानसभा क्षेत्रों में 58,282 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे. 50 प्रतिशत मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग की सुविधा रहेगी. महिला अधिकारियों के माध्यम से 1,320 मतदान केंद्रों का प्रबंधन किया जायेगा.


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