Karnataka Elections: कर्नाटक की राजनीति में बड़ा उलटफेर चल रहा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा ने हाल ही में चुनावी राजनीति छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की थी. वहीं, शुक्रवार को उन्होंने कहा कि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और महासचिव बीएल संतोष ने उन्हें संन्यास लेने के लिए कहा था. इसके बाद उन्होंने निर्णय को सार्वजनिक कर दिया था.


हालांकि, इससे पहले उन्होंने कहा था कि वह स्वेच्छा से चुनावी राजनीति से संन्यास ले रहे हैं. ईश्वरप्पा ने यह घोषणा बीजेपी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने से पहले की थी. जिसको लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि ईश्वरप्पा को पार्टी में दरकिनार किया जा रहा है.


'मैं स्वेच्छा से चुनावी राजनीति से संन्यास लेना चाहता हूं'
विधान परिषद में केएस ईश्वरप्पा ने जेपी नड्डा को लिखे पत्र में कहा था, 'मैं स्वेच्छा से चुनावी राजनीति से संन्यास लेना चाहता हूं. अतः मेरा अनुरोध है कि इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए किसी भी निर्वाचन क्षेत्र के लिए मेरे नाम पर विचार न किया जाए'. वहीं, अब ईश्वरप्पा ने बेलागवी में सार्वजनिक कार्यों पर 40 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें संन्यास लेने के लिए कहा था. बता दें कि ईश्वरप्पा ने अप्रैल, 2022 में एक ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या के बाद ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.


बेटे के लिए मांगा था टिकट
शिवमोग्गा से पांच बार के विधायक ईश्वरप्पा ने अपने बेटे केई कांतेश के लिए इस क्षेत्र से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने ईश्वरप्पा के इस अनुरोध को नजरअंदाज करते हुए चन्नबसप्पा को टिकट दे दिया. कर्नाटक में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी का लक्ष्य लेकर चल रही बीजेपी ने विधानसभा की कुल 224 सीटों में से कम से कम 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. कर्नाटक में 10 मई को एक चरण में मतदान होना है और 13 मई को इसके नतीजे आएंगे.


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