Karnataka Election 2023: क्या कर्नाटक में लागू होगा गुजरात मॉडल? अमित शाह ने दिया जवाब
Karnataka Elections: अमित शाह ने कहा 'कांग्रेस और जेडीएस में कोई अंतर नहीं है. जेडीएस को वोट देना मतलब कांग्रेस को वोट देना है. चुनाव के बाद जेडीएस अपने सभी विधायकों के साथ कांग्रेस के साथ बैठेगी'.
Amit Shah on Karnataka Elections: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विश्वास जताया कि चुनावी राज्य कर्नाटक की सत्ता में बीजेपी फिर से वापसी करेगी. बीजेपी के शासन में आने के बाद से राज्य में हुए विकास कार्यों के बारे में अमित शाह ने कहा कि हम पूर्ण बहुमत से जीतेंगे.
कर्नाटक में गुजरात मॉडल को लागू करने की खबरों को खारिज करते हुए अमित शाह ने कहा कि बीजेपी परिवर्तन और विकास के मॉडल में विश्वास करती है. कुछ बदलाव पीढ़ी पर आधारित हैं, जबकि कुछ स्थितियों पर आधारित हैं. अन्य राज्यों की तुलना में कर्नाटक में कम बदलाव हुए हैं. शनिवार (22 अप्रैल) को इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में अमित शाह ने ये तमाम बातें की.
अमित शाह ने कहा, 'कर्नाटक के एक करोड़ लोगों का मानना है कि बीजेपी उनके लिए काम कर रही है. राज्य के लिए समाज की एकता और सभी के कल्याण में विश्वास रखने वाली पार्टी को चुनना बहुत महत्वपूर्ण है. बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जो ऐसी विचारधाराओं पर काम करती है.' शाह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से शुरू की गई योजनाओं और पहलों से आम आदमी को फायदा हुआ है.
कांग्रेस और जेडीएस में कोई अंतर नहीं
जेडीएस के साथ कंप्टीशन को लेकर अमित शाह ने कहा 'कांग्रेस और जेडीएस के बीच कोई अंतर नहीं है. जेडीएस को वोट देने का मतलब कांग्रेस को वोट देना है. चुनाव खत्म होने के बाद जेडीएस अपने सभी विधायकों के साथ सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस के साथ बैठेगी'.
पिछले चुनावों की बात करते हुए अमित शाह ने कहा 'कर्नाटक के लोगों ने बीजेपी को सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के रूप में चुना. कांग्रेस को दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में और जेडीएस को तीसरे के रूप में चुना. हालांकि, चुनाव खत्म होने के तुरंत बाद जेडीएस ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया था. लोगों को समझना चाहिए कि अगर वे कांग्रेस और जेडीएस को अलग-अलग वोट देते हैं तो उनका वोट बर्बाद हो जाएगा'.
कांग्रेस ने मुसलमानों को दिया 4% आरक्षण
अमित शाह ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने अवैध रूप से राज्य में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण रखा था. भारत का संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है. इस प्रकार, कर्नाटक में बीजेपी सरकार ने इस प्रथा को समाप्त किया और ओबीसी आरक्षण के लिए काम किया. राज्य में बीजेपी सरकार ने राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से दी जाने वाली विशेष सुविधाओं को समाप्त कर दिया और संविधान को दुरुस्त कर दिया.'
बता दें कि कर्नाटक में 10 मई को एक चरण में मतदान होगा और वोटों की गिनती 13 मई को की जाएगी.
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