कर्नाटक चुनाव: पीएम मोदी और देवगौड़ा कर रहे हैं एक दूसरे की तारीफ, गठबंधन से इनकार
बीजेपी से गठबंधन की अटकलों को खारिज करते हुए देवगौड़ा कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री कैसे लोगों का अपमान करते हैं यह बताने के लिए पीएम ने मेरा जिक्र किया था, इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि किसी भी प्रकार का गठबंधन हुआ है.
नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बाजी कौन मारेगा? इस सवाल का उत्तर 15 मई को रिजल्ट के बाद ही पता चलेगा. लेकिन सियासी बिसात से इसका कुछ हद तक अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार किसकी होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) पर डोरे डाले हैं. अब खुद जेडीएस के सर्वेसर्वा और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने तारीफ की है. देवगौड़ा ने आज कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी किसी राज्य में जाते हैं, तो वहां के मुद्दों को समझते हैं और उसके बारे में बात करते हैं. यहां भी उन्होंने ऐसा ही किया है.''
हालांकि चुनाव बाद गठबंधन की अटकलों को खारिज करते हुए कहा, ''सिद्धारमैया (कर्नाटक के मुख्यमंत्री) कैसे कर्नाटक के लोगों का अपमान करते हैं यह बताने के लिए पीएम ने मेरा जिक्र किया था, इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि हमारी पार्टियों के बीच किसी भी प्रकार का गठबंधन हुआ है.''
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कर्नाटक चुनाव में अपनी रैलियों का आगाज करते हुए देवगौड़ा की तारीफ की थी. जिसके बाद से चुनाव बाद गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही है. मोदी ने कहा, ''राजनीतिक पार्टियों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन अनुशासन और सम्मान बनाए रखना चाहिए.''
उन्होंने कहा, ''जब भी पूर्व पीएम देवगौड़ा जी दिल्ली में मुझसे मिलने आए, मैंने हमेशा उनका स्वागत किया और उन्हें समय दिया. लेकिन हाल ही में राहुल गांधी ने जो उनके बारे में कहा वह शर्मनाक है.'' मोदी ने कहा कि अगर उनकी ये मानसिकता है, तो वे कर्नाटक के लोगों के लिए अच्छा कैसे सोच सकते हैं.
राहुल ने क्या कहा था? कर्नाटक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, ''जनता दल (सेक्यूलर) जेडीएस में एस का मतलब अब सेक्यूलर नहीं, बल्कि संघ परिवार हो गया है. जेडीएस ही अब असल में जनता दल संघ परिवार है.''
क्यों लगाई जा रही गठबंधन की अटकलें? कर्नाटक में पिछले पांच साल से कांग्रेस सत्तारूढ़ है. कांग्रेस जहां बीजेपी और जेडीएस पर हमलावर है. वहीं बीजेपी और जेडीएस एक दूसरे पर हमले से बच रही है. ऐसे में बीजेपी-जेडीएस गठबंधन को लेकर सियासी अटकलें लगाई जा रही है. बीजेपी-जेडीएस पहले भी गठबंधन कर सरकार बना चुकी है.
2006 में जेडीएस ने कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर बीजेपी से हाथ मिला लिया था और देवगौड़ा के बेटे कुमारास्वामी मुख्यमंत्री बने. बाद में जेडीएस ने मुख्यमंत्री का पद येदियुरप्पा को देने से इनकार कर दिया. विवाद के बाद कुमारास्वामी ने इस्तीफा दे दिया.
'किसी को भी पूर्ण बहुमत नहीं' सर्वे पर गौर करें तो कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी एक दल को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. ज्यादातर सर्वे में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिख रही है. 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस को 100, बीजेपी को 95 और जेडीएस को करीब 30 सीटें मिलती दिख रही है. जो राज्य में बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े 113 सीट से कम है. अगर बीजेपी जेडीएस से गठबंधन में सफल रहती है तो एक बार फिर कर्नाटक में कमल खिल सकता है. हालांकि अंतिम फैसला 12 मई को वोटिंग के बाद ही होगा कि जनता किसके हाथ राज्य की सत्ता सौंपती है.
फिलहाल कर्नाटक में कांग्रेस के 122, बीजेपी के 43, जेडीएस के 34, बीएसआरसी के तीन, केजेपी के 2, केएमपी के एक और 8 निर्दलीय विधायक हैं.