नई दिल्ली: कर्नाटक में 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस-बीजेपी का कैंपेन जारी है. इसी क्रम में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा, कांग्रेस नेता और ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार और बेल्लारी के तीन खनन कारोबारियों ने गुरुवार को नामांकन दाखिल किया.
सिद्धारमैया सरकार में बड़ा ओहदा रखने वाले शिवकुमार ने कनकपुरा से पर्चा दाखिल किया. उन्होंने अपने 94 पेज के शपथपत्र (एफिडेविट) में 600 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति होने की घोषणा की. 2013 विधानसभा चुनाव में दी गई संपत्ति की जानकारी पर अगर गौर करें तो डीके शिवकुमार की संपत्ति में पिछले पांच सालों में 188 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. 2013 में उनके पास करीब 215 करोड़ रुपये की संपत्ति थी.
शिवकुमार ने अपने ऊपर दर्ज दो केस का भी चुनाव आयोग को दिए गए एफिडेविट में जिक्र किया है. जिसमें आयकर विभाग को गलत जानकारी देने का मामला शामिल है. आपको बता दें कि पिछले साल आयकर विभाग ने डीके शिवकुमार के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.
वोक्कलिगा समुदाय के ताकतवर नेता शिवकुमार ने बताया है कि कि वह पेशे से शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उनकी पत्नी एक गृहिणी और भूस्वामी हैं. उनपर बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों का करीब 101.77 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज बकाया है. शिवकुमार की पत्नी उषा के पास 112 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है. मंत्री ने अपने तीनों बच्चों के नाम पर भी संपत्ति की घोषणा की.
येदियुरप्पा की संपत्ति में 12 प्रतिशत का इजाफा
कर्नाटक प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने शिकारीपुरा विधानसभा सीट से अपना नामांकन भरा. वह शिवमोगा जिले में स्थित अपने गृहनगर शिकारीपुरा से वर्ष 1983 से आठ बार चुनाव लड़ चुके हैं. उन्होंने चुनाव आयोग को दिये गये शपथ पत्र में बताया है कि उनके पास छह करोड़ 54 लाख रुपये की संपत्ति है. शपथ पत्र में शिकारीपुरा के 13 एकड़ जमीन, दो कमर्शियल बिल्डिंग, बेंगलुरू और शिकारीपुरा के दो मकान आदि का जिक्र है.
पिछले साल की तुलना में देखें तो उनकी संपत्ति में 71 लाख रुपये यानि 12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. उन्होंने अपने शपथपत्र में अपने ऊपर दर्ज 14 केस का जिक्र किया है. इनमें गलत तरीके से जमीन अधिग्रहण करने और वोटरों को प्रभावित करने का मामला शामिल है. 2013 में येदियुरप्पा के खिलाफ 17 केस दर्ज थे.
येदियुरप्पा कर्नाटक में साल 2008 से 2011 तक बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री थे. उन्हें राज्य लोकयुक्त द्वारा पता लगाए गए करोड़ों रुपये के खनन घोटाले की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था.
ईश्वरप्पा की संपत्ति में भी इजाफा
बीजेपी नेता केएस ईश्वरप्पा ने शिवमोगा विधानसभा सीट से अपना नामांकन भरा. उन्होंने अपने शपथपत्र में करीब 10 करोड़ 51 लाख रुपये की संपत्ति का जिक्र किया है. ईश्वरप्पा साल 2008 से 2013 के बीच राज्य में बीजेपी की पहली सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे थे. वह शिवामोगा विधानसभा सीट से छठवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं. वह वर्ष 2013 में यह सीट कांग्रेस के हाथों हार गए थे.
बीजेपी नेता और कर्नाटक के पूर्व परिवहन मंत्री आर अशोक ने अपने शपथपत्र में 40 करोड़ 61 लाख रुपये की संपत्ति का ब्योरा दिया है. उन्होंने अपने ऊपर दर्ज भ्रष्टाचार के केस के बारे में भी बताया है. उनके खिलाफ लोकायुक्त की जांच चल रही है.
सुरेश बाबू की संपत्ति में 157 प्रतिशत की बढ़ोतरी
बेल्लारी के कई खनन कारोबारी और नेताओं ने भी गुरुवार को नामांकन दाखिल किया. बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए आनंद सिंह के शपथपत्र के मुताबिक, उनके पास 117 करोड़ 49 लाख रुपये की संपत्ति है. सिंह ने 2013 में 104 करोड़ पांच लाख रुपये की संपत्ति का जिक्र किया था. उनके खिलाफ लोकायुक्त, एसीबी और सीबीआई के 16 केस दर्ज हैं.
वहीं बीजेपी नेता और कुदलीगी से विधायक टीएच सुरेश बाबू के शपथपत्र पर गौर करें तो उनकी संपत्ति में पिछले पांच सालों में 157 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. उनके खिलाफ सात केस दर्ज हैं. बाबू पर एक केस में आरोप है कि उन्होंने माइनिंग माफिया जी जनार्दन रेड्डी की जमानत के लिए जज को पैसे देने की कोशिश की.
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बेल्लारी जिले के ही एक अन्य खनन (माइनिंग) कारोबारी और मोहम्मद इकबाल की संपत्ति में भी काफी इजाफा हुआ है. जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) की टिकट पर चुनाव लड़ रहे इकबाल ने शपथपत्र में बताया है कि उनके पास 380 करोड़ 17 लाख रुपये है. उनके खिलाफ खनन में घोटाला करने के दो मामले दर्ज हैं. इकबाल के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार अनिल लाड और बीजेपी के उम्मीदवार सोमशेखर रेड्डी मैदान में हैं.
आपको बता दें कि राज्य में 224 विधानसभा सीट पर 12 मई को मतदान होगा. मतों की गिनती 15 मई को की जाएगी. इसके लिए नामांकन भरने की अंतिम तिथि 24 अप्रैल है और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 27 अप्रैल है.