कर्नाटक चुनाव 2018: बेलगाम और हुबली में पानी की भारी किल्लत, नेताओं को सबक सिखाएगी जनता
बेलगाम की शाहीन बुखारी पानी के संकट से रोज जूझती हैं. शाहीन बुखारी कहती है कि जब चुनाव आता है नेता कहते हैं सब ठीक कर देंगे, बाद में मुड़ कर भी नहीं देखते हैं.
हुबली/बेलगाम: कर्नाटक के बेलगाम में पीने का पानी एक बड़ा मुद्दा है, बेलगाम के कई इलाके पानी की कमी से जूझ रहे हैं, इस बार पीने का पानी उम्मीदवारों को पानी पिलायेगा. शहर रौनक से भरा हुआ है लेकिन आपको पानी की परेशानी के निशान भी आसानी से मिल जायेंगे. बेलगाम के बलभद्र इलाके के एक अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर पर शिवलीला रहती है, पीने के पानी के समस्या से वे पूरे हफ्ते जूझती है, शिवलीला घर मे अकेली हैं, इसलिए हफ्ते में एक बार आने वाले पीने के पानी से काम चला तो लेती है, लेकिन वे भी घर के हर छोटे-बड़े बर्तन में पानी भर कर रखती है, तब कही जाकर पूरे हफ्ते काम चल पाता है. नहाने और कपड़े धोने का पानी भी कम ही आता है इसलिए उसको भी बड़ी-बड़ी टंकियों में भर कर रखना पड़ता है.
बेलगाम के इसी इलाके में सोहैल, पानी की टंकी की दुकान चलाते हैं. सुहैल के मुताबिक पांच दिन में एक बार पीने का पानी आता है इसलिए दो तरह के पानी की टंकी की मांग है, पीने का पानी एक बड़ी समस्या है, इसलिए पानी की टंकियों की मांग भी बढ़ी है. बेलगाम की शाहीन बुखारी भी पानी के संकट से रोज जूझती हैं. शाहीन बुखारी कहती है कि जब चुनाव आता है नेता कहते हैं सब ठीक कर देंगे, बाद में मुड़ कर भी नहीं देखते हैं.
यही हालत कर्नाटक के हुबली शहर के भी हैं, यहां भी पानी सप्लाई की व्यवस्था चरमराई हुई है. पानी के टैंकर से शहर के इलाकों में पानी की आपूर्ती की जाती है. पानी के एक टेंकर के लिए 150 से 300 रुपये तक वसूले जाते हैं. ऐसे में पीने की पानी की समस्या से जूझ रहे लोग इस बार अपने-अपने इलाके में उम्मीदवारों को पानी पिलाने का मन बना रहे हैं.