Karnataka Elections: कर्नाटक में बीजेपी को मोदी मैजिक की आस! चुनाव से पहले 20 रैलियां करेंगे PM
Karnataka Election 2023: कर्नाटक में अगले महीने होने वाले चुनाव में पीएम मोदी मुख्य चेहरा होंगे. बीजेपी ने पीएम की 20 रैलियों की योजना बनाई है.
Karnataka Election 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव का एलान होने के साथ ही सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. राज्य में बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के चेहरे के सहारे सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए हुए है. स्टार प्रचारक के रूप में पार्टी की स्टेट यूनिट ने पीएम मोदी की कम से कम 20 रैलियों की योजना बनाई है.
कर्नाटक में 10 मई को एक ही चरण में राज्य की सभी 224 सीटों के लिए वोटिंग होगी. जानकारी के मुताबिक, चुनाव अभियान के आखिरी चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 से 8 मई तक राज्य में कैंप कर सकते हैं. इस दौरान वह कांग्रेस और जेडीएस के गढ़ों में अभियान का नेतृत्व कर सकते हैं.
मोदी के सहारे जीत की उम्मीद
राज्य में सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस और जेडीएस पूरी रणनीति बना रहे हैं तो उसे सत्ता विरोधी लहर से भी लड़ना है. ऐसे में पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू ही है जो चुनाव में जीत दिलाने में मदद कर सकता है.
कर्नाटक को चुनावी राजनीति के लिहाज से छह क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, उनमें से हर क्षेत्र में कम से कम पीएम मोदी की तीन रैलियां करने की योजना है. इनमें हैदराबाद-कर्नाटक के कुछ इलाके, जहां करीब 40 विधानसभा सीटें हैं, वहां पीएम की ज्यादा रैलियां हो सकती हैं.
हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र कांग्रेस मल्लिकार्जुन खरगे का इलाका है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां खास सफलता नहीं मिली थी और पार्टी को सिर्फ 15 सीटों पर ही जीत मिली थी.
डबल इंजन में सिर्फ एक इंजन पर भरोसा
कर्नाटक में बीजेपी की डबल इंजन की सरकार तो है लेकिन इसमें एक इंजन को लेकर मुश्किल है. राज्य के बसवराज बोम्मई की सरकार पर विपक्ष भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हमलावर है. ऐसे में राज्य में पार्टी प्रबंधकों की रणनीति सीधे मोदी के चेहरे को सामने रखने की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कर्नाटक को अपने टॉप एजेंडे में रखा है. चुनाव की तारीखों से पहले ही हुई हुबली, मांड्या समेत विभिन्न स्थानों पर पीएम मोदी सात रैलियां कर चुके हैं.
भ्रष्टाचार पर सख्त संदेश
कर्नाटक की बीजेपी ने सलाह दी है कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेताओं की ओर से चुनाव अभियान के दौरान ये संदेश दिया जाना चाहिए कि पार्टी भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के मुद्दे पर अपने नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी.
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